Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर (Ram Mandir) के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कितने लोग शामिल होने जा रहे हैं, इसकी जानकारी सामने आ गई है। श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Mishra) ने गुरुवार को कहा कि 22 जनवरी को होने वाले श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran Pratishtha) में मेहमानों की अधिकतम सीमा 8000 होगी। इसमें तीन-चार हजार साधू-संत होंगे। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कई जानी-मानी हस्तियां इस समारोह में शामिल होंगे।
न्यूज एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू में नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि समारोह में करीब 3000 खास मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने अनुमान जताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद चार-पांच महीनों तक हर दिन 75,000 से एक लाख लोगों की भीड़ मंदिर में आने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, "देखिए, 22 तारीख के लिए तो कुल मिलाकर मेरे ख्याल से अधिकतम सीमा 8000 की है, जिसमें कि तीन से चार हजार साधू-संत हैं और तीन हजार के करीब विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। लेकिन देश तो आएगा, हर कोने से लोग आएंगे। मेरा ये अनुमान है कि अगले चार-पांच महीनों में कम से कम हर दिन 75 हजार से एक लाख की भीड़ आएगी।"
लैब टेस्टिंग के बाद दिए गए मूर्ति के लिए पत्थर
उन्होंने ये भी बताया कि मूर्तियों को तराशने के लिए तीन पत्थरों को पूरी जांच के बाद चुना गया था। मंदिर ट्रस्ट इन सभी मूर्तियों को इस्तेमाल करेगा। इसी में से एक मूर्ति गर्भ गृह में स्थापित की जाएगी। बाकी दो मूर्तियों का उपयोग किस तरह से किया जाएगा, इसका फैसला ट्रस्ट लेगा।
मिश्रा ने कहा, "देखिए जो निर्णय होगा वह तो चंपत राय जी बताएंगे। मैं व्यवस्था बता सकता हूं। तीन स्कल्पचर्स चुने गए, तीनों स्कल्पचर के लिए ट्रस्ट की तरफ से पत्थरों का हाई लैबोरेट्री टेस्ट कराकर परखा गया कि कौन सबसे मजबूत है, तब उन्हें मूर्तिकारों को दिया गया।"
उन्होंने आगे कहा, "29 दिसंबर को ट्रस्ट के हर एक सदस्य को आकस्मिक बैठक में बुलाकर और तीनों जगह पर उनका भ्रमण कराया गया। भ्रमण कराने के बाद उनको एक कागज दिया गया कि कृपया आप इसमें एक, दो, तीन अपना मूल्यांकन कर दें। उन्होंने मूल्यांकन किया।"
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मूल्यांकन के सारे कागजात गोपनीय ढंग से चंपत राय को उपलब्ध करा दिए गए हैं। उन्होंने कहा, "सही समय पर वो इसका निर्णय देंगे। ये तो साफ है कि तीनों मूर्तियां ट्रस्ट लेगा। और भविष्य में उन मूर्तियों का किस तरह से इस्तेमाल होगा ये फैसला ट्रस्ट करेगा। उन तीनों मूर्तियों में से एक मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा में, भगवान के गर्भ गृह में स्थापित होगी।"