Ram Mandir Inauguration: 22 जनवरी को घोषित हो 'राम राज्य दिवस' CAIT ने PM मोदी से की सार्वजनिक अवकाश की अपील

Ram Mandir Inauguration: संगठन ने कहा कि भारत का संपूर्ण व्यापारिक समुदाय, जो सनातन धर्म के लोकाचार और मूल्यों के प्रचार-प्रसार के मामले में हमेशा सबसे आगे रहा है, इस महान दिन को मनाने के लिए बेहद उत्साहित है। इसलिए 1 जनवरी से 22 जनवरी तक CAIT देश भर में एक राष्ट्रीय अभियान हर शहर अयोध्या-घर घर अयोध्या चलाएगा

अपडेटेड Jan 04, 2024 पर 7:04 PM
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Ram Mandir Inauguration: 22 जनवरी को घोषित हो 'राम राज्य दिवस' CAIT ने PM मोदी से की सार्वजनिक अवकाश की अपील

Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर (Ram Mandir) की भव्य प्राण प्रतिष्ठा को देशभर में एक पर्व तरह मनाया जाएगा। हर स्तर और हर क्षेत्र के लोग मंदिर उद्घाटन की खुशी अपने-अपने तरीके से मना रहे हैं। इसी कड़ी में कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने 22 जनवरी के दिन को 'राम राज्य दिवस' (Ram Rajya Diwas) घोषित करने और सार्वजनिक अवकाश (Public Holiday) घोषित करने की मांगी की है। संगठन ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन भी भेजा है।

CAIT ने अपने ज्ञापन में लिखा, "भारतीय इतिहास के सबसे महान क्षणों में से एक, आगामी 22 जनवरी को अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर के अभिषेक और उद्घाटन को सदैव जीवंत रखने के लिए इस दिन को राम राज्य दिवस घोषित किया जाए और हर साल 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया जाए।"

PM मोदी को भेजे इस ज्ञापन में CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम निस्संदेह भारत के सबसे महान राजा हैं, जिनके शासन में भारत के लोग न केवल समृद्ध और स्वस्थ हुए, बल्कि धर्म और भाईचारे में गहरी आस्था भी स्थापित हुई।


उन्होंने कहा, "वह काल भारत के स्वर्णिम सनातन इतिहास के महानतम कालों में से एक माना जाता है और क्योंकि 22 जनवरी को श्री राम मंदिर का उद्घाटन हो रहा है, इसलिए उस दिन को राम राज्य की स्थापना का दिन मानते हुए इस दिन को राम राज्य दिवस घोषित किया जाना देशवासियों की आकांक्षाओं का सम्मान होगा।"

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा, "ये बेहद महत्वूर्ण दिन श्री राम के आदर्शों, नीतियों और मर्यादाओं को आत्मसात् करने और अपनाने के लिए और भारत में राम राज्य जैसे शासन और प्रशासन की स्थापना के लिए सदैव देशवासियों को प्रेरित करेगा।"

दोनों पदाधिकारियों का मानना है कि इस दृष्टि से इस दिन के महत्व को देखते हुए 22 जनवरी को राम राज्य दिवस घोषित किया जाए और बाकी महत्वपूर्ण दिनों पर सार्वजनिक अवकाश की परंपरा को जारी रखते हुए इस दिन को सार्वजनिक अवकाश दिवस भी घोषित किया जाए।

'50 हजार करोड़ से ज्यादा का व्यापार'

CAIT का अनुमान है कि राम मंदिर के उद्घाटन समारोह ने देश भर में लगभग 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के नए व्यापार के अवसर पैदा किए हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि देश भर में राम मंदिर को लेकर जबरदस्त उत्साह और उमंग है।

संगठन ने कहा कि भारत का संपूर्ण व्यापारिक समुदाय, जो सनातन धर्म के लोकाचार और मूल्यों के प्रचार-प्रसार के मामले में हमेशा सबसे आगे रहा है, इस महान दिन को मनाने के लिए बेहद उत्साहित है। इसलिए 1 जनवरी से 22 जनवरी तक CAIT देश भर में एक राष्ट्रीय अभियान हर शहर अयोध्या-घर घर अयोध्या चलाएगा।

इसे तहत अनेक कार्यक्रमों की एक राष्ट्रव्यापी सीरीज 1 जनवरी से शुरू हो रही है, जिसे देश का व्यापारी वर्ग ये सुनिश्चित करेगा कि श्री राम का अभिषेक समारोह देश के अंतिम छोर तक पहुंचे।

भरतिया और खंडेलवाल ने बताया कि इस अभियान में देश के हजारों व्यापारी संगठन अपने बाजारों में दुकान-दुकान घूम कर व्यापारियों और उनके कर्मचारियों को श्री राम ध्वजा, श्री राम पटका, स्टीकर, पोस्टर, श्री राम टोपी, श्री राम बैज देंगे।

वहीं 1 जनवरी से 22 जनवरी के बीच देश भर के बाज़ारों में हजारों की संख्या में श्री राम संवाद, श्री राम चौकी, श्री राम फेरी समेत कई कार्यक्रम होंगे। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर 22 जनवरी को देश भर के बाजारों में बड़े स्तर पर दीपावली मनाई जाएगी। व्यापारियों और उनके कर्मचारियों के घरों में श्री राम ज्योति भी जलाई जाएगी।

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इसके अलावा बाजारों और सार्वजनिक जगहों पर LED के जरिए 22 जनवरी को श्री अयोध्या धाम में होने वाले कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी आम लोगों को दिखाया जाएगा।

इसके साथ ही देश भर में फैले व्यापारी संगठनों से CAIT ने ये भी आग्रह किया है कि बाजारों में राम शोभा यात्रा भी निकाली जाए और राम मंदिर की स्थापना की स्मृति के रूप में बड़े स्तर पर राम मंदिर का मॉडल उपहार में देने का भी एक अभियान चलाया जाए।

इस ज्ञापन में ये भी कहा गया है कि भारत में एक बार फिर सनातन धर्म की महिमा और गौरव को बहाल करने के ध्वजवाहक होने के लिए देश का व्यापारिक समुदाय उनका अभिनंदन करता है। सनातन के गौरव को दोबारा स्थापित करने में अपने अथक प्रयासों, प्रतिबद्धता और समर्पण से मोदी ने अपना नाम सनातन भारत के सबसे महान सपूत के रूप में अंकित किया है, जिसे युगों-युगों तक याद किया जाएगा।

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