Sambhal Shahi Jama Masjid : उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद का पिछले साल नंवबर में कोर्ट के आदेश पर सर्वे हुआ था. इस सर्वे के बाद अब टीम ने अपनी रिपोर्ट, कोर्ट को सौंप दी है. जानकारी के मुताबिक सर्वे टीम ने एक हजार से ज्यादा तस्वीरें कोर्ट को दी हैं. ऐसी जानकारी भी सामने आई है कि इन तस्वीरों में कई जगहों पर शाही जामा मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले हैं. बता दें कि सर्वे में मस्जिद परिसर के अंदर, कमल के फूल, घंटी की आकृति, शेषनाग की आकृति और वट वृक्ष मिलने का दावा किया गया है.
सामने आई जानकारी के मुताबिक सर्वे टीम ने जो तस्वीरें कोर्ट को सौंपी हैं, उनमें कई जगहों पर मंदिर होने के सबूत मिले हैं. शाही जामा मस्जिद के अंदर दो वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ मिले हैं. बता दें कि हिन्दू धर्म के मंदिरों में अक्सर वट वृक्ष पाए जाते हैं. शाही जामा मस्जिद के अंदर पूर्वी और मेन गेट पर बने चार स्तंभों में से दो पर कमल के फूल के निशान मिले हैं. ऐसी भी जानकारी सामने आई है कि इन फूलों पर नक्काशीदार कलश भी बने मिले हैं.
शेषनाग की आकृति मिलने का दावा
सर्वे रिपोर्ट की जो डिटेल सामने आई है, उसमें ये भी कहा जा रहा है कि शाही जामा मस्जिद के पूर्वी और मेन गेट के दो स्तंभों पर बनी आकृती को द्वारपाल शैली का बताया जा रहा है. वहीं मस्जिद के मेन इमारत के दो आलो पर घंटी के निशान के भी मिलने की बात कही जा रही है. सर्वे में बरगद के पेड़ में कालिख लगे होने की भी बात भी सामने आई है. ऐसे में ये दावा किया जा रहा है कि उन पेड़ के नीचे दिए जलाने से ये कालिख हुई होगी. बता दें कि हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि लोग बरगद और पीपल के पेड़ के नीचे दिए जलाते हैं. ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि शाही जामा मस्जिद के मुख्य परिसर में एक सुनहरी रंग की आकृति मिली है. इस आकृति को शेषनाग या आदिशेष से मिलता हुआ बताया जा रहा है.
गौरतलब है कि, पिछले साल 19 नवंबर को संभल के एक स्थानीय अदालत ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. आदेश के बाद उसी दिन मस्जिद के अंदर सर्वे करने के लिए एक टीम पहुंची थी. पहले दिन सर्वे शांति से संपन्न हुआ था. वहीं जब टीम दूसरी बार यानी 24 नवंबर को सर्वे करने पहुंची थी तो उस दौरान वहां हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा चार लोगों की मौत भी हो गई थी. इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मुकदमे दर्ज किए हैं और कई लोगों गिरफ्तारी भी की है. बता दें कि पिछले साल कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया है कि संभल में जिस जगह पर शाही जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था. इस मामले में फिलहाल कोर्ट में सुनवाई चल रही है और कोर्ट के आदेश पर ही ये सर्वे हुआ है.