Elon Musk : भारत में जल्द मिल सकती हैं सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं, एलन मस्क की स्टारलिंक को अगले 10 दिन में मिल सकता है लाइसेंस

Elon Musk : सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार अगले हफ्ते लेटर ऑफ इंटेंट जारी कर सकती है। सरकार स्टारलिंक को ट्रायल के लिए स्पेक्ट्रम भी देगी। कंपनी को 3 महीने के लिए ट्रायल स्पेक्ट्रम मिलेगा

अपडेटेड Apr 12, 2024 पर 2:55 PM
Story continues below Advertisement
स्टारलिंक को लाइसेंस देने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। कंपनी को अगले 10 दिन में लाइसेंस मिल सकता है । कंपनी ने अक्टूबर 2022 में लाइसेंस के लिए आवेदन किया था

Starlink news : एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को जल्दी ही भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं देने का लाइसेंस मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक मस्क की भारत आने की घोषणा के बाद दूरसंचार विभाग ने कंपनी को लाइसेंस देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने बताया कि भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड जल्द आ सकता है। स्टारलिंक को लाइसेंस देने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। कंपनी को अगले 10 दिन में लाइसेंस मिल सकता है । कंपनी ने अक्टूबर 2022 में लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। अभी तक सरकार ने कंपनी को लाइसेंस नहीं दिया है।

एलन मस्क के भारत आने की घोषणा के बाद लाइसेंस देने की प्रक्रिया हुई तेज 

सरकार और कंपनी के बीच कई दौर की बातचीत हुई है। एलन मस्क के भारत आने की घोषणा के बाद लाइसेंस देने की प्रक्रिया तेज हुई है। सूत्रों के मुताबिक सरकार अगले हफ्ते लेटर ऑफ इंटेंट जारी कर सकती है। सरकार कंपनी को ट्रायल के लिए स्पेक्ट्रम भी देगी। कंपनी को 3 महीने के लिए ट्रायल स्पेक्ट्रम मिलेगा। लाइसेंस के बाद कंपनी ग्राहकों से एडवांस बुकिंग ले सकती है।


Elon Musk के इंडिया विजिट से पहले SKF, Sona BLW और संधार टेक में तेजी, जानिए वजह

बता दें कि स्टारलिंक एक सेटेलाइट आधारित इंटरनेट सर्विस  प्रोवाइडर कंपनी है। स्टारलिंक, तमाम छोटे सेटेलाइट की मदद से हाई स्पीड इंटरनेट सेवा प्रदान करती है। इसके लिए कंपनी धरती की निचली कक्षा में चक्कर लगाने वाले सेटेलाइट्स का इस्तेमाल करती है। 2022 में हुई एक स्टडी से पता चलता है पृथ्वी की निचली कक्षा में 9 हजार से ज्यादा सेटेलाइट स्थापित किए जा चुके हैं। इनमें पांच हजार से ज्यादा सेटेलाइट स्टारलिंक के हैं। यह एक किस्म का तारामंडल है, जिसे स्पेस एक्स धरती के कोने-कोने तक इंटरनेट सेवा स्थापित करने के लिए बना रहा है।

धरती से तकरीबन 500 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद रहने वाला एक सेटेलाइट 90 मिनट में पूरी पृथ्वी का चक्कर लगा लेता है। फिलहाल कंपनी के 2200 सेटेलाइट धरती के प्रत्येक कोने में इंटरनेट सुविधा देने के लिए काम कर रहे हैं।

 

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Apr 12, 2024 2:35 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।