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शौक-ए-इलाही उर्फ ​​​​चांद बाबा: 1980 के दशक का सबसे खूंखार गैंगस्टर! किसी के लिए अतीक अहमद का दोस्त, तो किसी के लिए उसका गुरु

शौक-ए-इलाही (Shauk-e-Ilahi) उर्फ ​​​​चांद बाबा (Chand Baba), जिसे 1980 के दशक में तब के इलाहाबाद, और अब के प्रयागराज के इतिहास में सबसे खूंखार गैंगस्टर और बमबाज के रूप में जाना जाता है। 'बमबाज' शब्द का इस्तेमाल अक्सर ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है, जो देसी बम बनाने का एक्सपर्ट हो। शौक-ए-इलाही और माफिया से नेता बने अतीक अहमद (Ateeq Ahmed) के संबंधों की कई कहानियां हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 22, 2023 पर 11:32 PM
शौक-ए-इलाही उर्फ ​​​​चांद बाबा: 1980 के दशक का सबसे खूंखार गैंगस्टर! किसी के लिए अतीक अहमद का दोस्त, तो किसी के लिए उसका गुरु
शौक-ए-इलाही उर्फ ​​​​चांद बाबा: किसी के लिए अतीक अहमद का दोस्त, तो किसी के लिए उसका गुरु

ये बात जून 1988 की है, जब इलाहाबाद (Allahabad) चौक कोतवाली में नई-नई पोस्टिंग पर आए कोतवाल ने एक खूंखार गैंगस्टर को पकड़ने का फैसला किया। नए कोतवाल नवरंग सिंह ने पूरे चौक इलाके का घेराव किया, लेकिन गैंगस्टर भागने में सफल रहा। पुलिस की इस हरकत से वो गैंगस्टर इतना नाराज हुआ, कि उसने उसी रात कोतवाली पर हमला कर दिया। कोतवाली पर इस कदर बमबारी हुई कि शोर के कारण आसपास के इलाकों में लोग पूरी रात नहीं सो पाए। इतना ही नहीं जान बचाने के लिए पुलिस को कोतवाली के स्मारकीय गेट तक बंद करने पड़े।

ये गैंगस्टर कोई और नहीं बल्कि शौक-ए-इलाही (Shauk-e-Ilahi) उर्फ ​​​​चांद बाबा (Chand Baba) था, जिसे 1980 के दशक में तब के इलाहाबाद, और अब के प्रयागराज के इतिहास में सबसे खूंखार गैंगस्टर और बमबाज के रूप में जाना जाता है। 'बमबाज' शब्द का इस्तेमाल अक्सर ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है, जो देसी बम बनाने का एक्सपर्ट हो।

शौक-ए-इलाही और माफिया से नेता बने अतीक अहमद (Ateeq Ahmed) के संबंधों की कई कहानियां हैं। कोई चांद बाबा को अतीक अहमद का गुरु कहता है, तो कोई उसे उसका दोस्त बताता है।

अतीक अहमद का नाम 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) के बाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। 2005 में BSP विधायक राजू पाल की बेरहमी से हत्या के मामले में उमेश पाल एक प्रमुख गवाह था।

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