अरशद नदीम के 92.97 मीटर थ्रो ने 16 साल पुराने ओलिंपिक रिकॉर्ड (90.57 मीटर) को 2.40 मीटर से पीछे छोड़ दिया। वो थ्रो इतना परफेक्ट था कि मानो नदीम ने खड़े-खड़े बहुत ही आराम से अपने हाथ से भाले को रिकॉर्ड तोड़ने के लिए ही फेंका था। हालांकि, उन्होंने पूरा रन-अप लिया था। इसके बाद याद कीजिए नदीम का वो आखिरी और छठा थ्रो, जिसे देख कर ये तो पक्का हो गया था कि पाकिस्तान का ये खिलाड़ी, रिकॉर्ड बनाने और तोड़ने के मूड से ही आया था। अपने पहले रिकॉर्ड थ्रो से ही उन्होंने अपने देश को गोल्ड मेडल का आश्वसन दे दिया था। व्यक्तिगत खेल में ओलिंपिक में पाकिस्तान का ये पहला गोल्ड मेडल है।