Asian Games Controversy: ओलंपिक चैंपियन गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा के एशियन गेम्स में किए गए पहले थ्रो को लेकर एक विवाद उठ खड़ा हुआ है। खबरों के मुताबिक नीरज चोपड़ा के पहले थ्रो को एशियन गेम्स में मेजर ही नहीं किया गया। रिटायर्ड भारतीय एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने चीनी अधिकारियों पर चीटिंग की कोशिश करने और भारतीयों को जानबूझकर टारगेट करने के आरोप लगाए हैं। ऐसा देखा गया कि चोपड़ा के पहले थ्रो में ही उन्होंने आराम से 85 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया था लेकिन अधिकारियों ने ना ही उसे रिकॉर्ड किया और ना ही इसके लिए उन्हें कोई ठोस वजह बताी।
इंडियंस को किया गया टारगेट
नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीतने के बाद रिपोर्टर्स से बात की और कहा कि मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्यों मेरा पहला थ्रो नहीं मापा। मेरे बाद दूसरे और तीसरे कंपीटिटर्स ने भी भाला फेंका और उनके थ्रो को अच्छे से मेजर किया गया। मैं पूछता ही रह गया कि मेरे पहले थ्रो का क्या हुआ। मैं काफी ज्यादा कनफ्यूज था। अभी तक मैंने जितने भी कंपीटिशंस में भाग लिया है किसी में भी मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ। मुझे लग रहा है कि उन्होंने मेरा लैंडिंग मार्क खो दिया था और इसके बाद उसे ढूंढते ही रहे। एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले किशोर जेना के दूसरे थ्रो के साथ भी कुछ ऐसा ही किया गया। उनके थ्रो को लाइन क्रॉस होने के आधार पर इनवैलिड करार दे दिया गया था। हालांकि बाद में इस फैसले को रिवर्स कर दिया गया। एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और पूर्व एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने अधिकारियों पर जानबूझकर इंडियंस को टारगेट करने का आरोप लगाया है।
पहले थ्रो को नहीं मापने के पीछे दिया अजीब कारण
अंजू बॉबी जॉर्ज ने बताया कि वो हमारे साथ चीटिंग की पूरी कोशिश कर रहे थे और हमारे एथलीट्स को भी परेशान कर रहे थे। नीरज का पहला थ्रो काफी शानदार था। हमने नीरज को खुद से आवाज उठाने के लिए भी कहा। जेना के थ्रो को भी फाउल कहा गया जबकि उनका पांव लाइन के पीछे ही था। अंजू का कहना है की चीन में जीतना काफी मुश्किल है क्योंकि उनके अधिकारी हमेशा एथलीट्स को परेशान करते आए हैं। भले ही हम कितने भी अच्छे रनर, थ्रोअर और जंपर क्यों ना हों वो कोई ना कोई ओछी हरकत जरूर करते हैं। जब नीरज से पूछा गया कि क्या अधिकारियों ने उनके पहले थ्रो को मेजर नहीं करने के पीछे कोई कारण बताया? तो उन्होंने कहा कि एक अधिकारी ने कहा कि मेरे बाद आने वाले दूसरे एथलीट ने तेजी से थ्रो कर दिया था, जिससे सिचुएशन गड़बड़ा गई।
नीरज चोपड़ा कहते हैं कि मुझे बताया गया कि पहला थ्रो बेहद शानदार था शायद 87-88 मीटर के आस-पास। जब आपका पहला थ्रो अच्छा जाता है तो आप मानसिक रूप से अच्छा महसूस करते हैं। बाद में मुझसे कहा गया कि पहले थ्रो के लिए मुझे दोबारा मौका दिया जाएगा। चोपड़ा ने कहा कि मेरे पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं था। इस पर बहस करने का कोई प्वाइंट नहीं था। मैंने सोचा कि इससे दूसरे प्रतियोगियों का भी इससे कंपीटिशन खराब होगा। दूसरे प्रतियोगी भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे और मुझे उनका भी सम्मान करना था। हवा बह रही थी और सबको काफी ठंड भी लग रही थी। तो मैंने सोचा कि मैं थ्रो बाद में ले लेता हूं। आगे हंसते हुए नीरज ने कहा कि रूल कहता है कि गेम में आपको सिर्फ छह थ्रो दिए जाएंगे , लेकिन पहली बार मुझे किसी कंपीटिशन में सात थ्रो दिए गए।
दूसरे खिलाड़ियों के साथ भी बेईमानी की गई
नीरज चोपड़ा ने दूसरा थ्रो 82.38 मीटर का फेंका लेकिन गोल्ड विनिंग थ्रो चोपड़ा को चौथे अटेंप्ट में मिला जो 88.8 मीटर का रहा। जेना ने भी चौथे राउंड 87.54 मीटर का थ्रो फेंकने के बाद सिल्वर मेडल जीता। इसी के साथ जेना ने भी 2024 के ओलंपिक में अपनी जगह पक्की कर ली। बता दें कि ओलंपिक के लिए क्वालिफाइंग मार्क 85.50 मीटर का है। नीरज चोपड़ा ने एशियन गेम्स में चीटिंग की एक और घटना का जिक्र किया। कहते हैं कि 100m हर्डल में ज्योति याराजी को फाल्ज स्टार्ट के लिए रेड कार्ड दिखाया गया, इसके अलावा अनु रानी के थ्रो को भी मेजर नहीं किया गया।
नीरज चोपड़ा ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि इतने बड़े कंपीटिशन में मेरे पहले थ्रो को मेजर ना करने से मुझे बेहद बुरा लगा। ज्योति के साथ भी यही हुआ। जेना के एक थ्रो में भी ऐसा किया गया। हां वहां पर कई मुश्किलें हुईं लेकिन कहूंगा कि आखिर में रिजल्ट अच्छा रहा। भले ही कुछ भी किया गया, लेकिन हमने उन्हें दिखा दिया कि हम पूरी तैयारी के साथ आए हैं। मैंने कभी भी इतने बड़े कंपीटिशंस में ऐसी गड़बड़ियां नहीं देखीं। मैं और मेरे अलावा कई खिलाड़ी पहले थ्रो के बाद काफी निराश हुए। कुछ भी हो सकता था।
बिना फाउल के दिया गया रेड फ्लैग
अंजू बॉबी जॉर्ज ने चीनी अधिकारियों पर जानबूझकर भारतीय खिलाड़ियों को टारगेट करने का आरोप लगाया। कहती हैं कि एशियन गेम्स कोई छोटा-मोटा कंपीटिशन तो है नहीं। मुझे नहीं पता कि आखिर वो ऐसा क्यों कर रहे थे खासकर भारतीय खिलाड़ियों को टारगेट करने का। ये जानबूझकर किया गया। अंजू बॉबी जॉर्ज को लगता है कि लॉन्ग जंपर एम श्रीशंकर के एक जंप को सही से नहीं मापा गया। मुझे डाउट है कि जंप 8.19 मीटर का नहीं था। जंप इस मार्क से ज्यादा बेहतर था और एक ने तो जंप के बाद रेड फ्लैग भी उठाया जबकि मेरे अनुमान से वो फाउल था ही नहीं।