Vinesh Phogat Case: विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला आज, मशहूर वकील हरीश साल्वे लड़ेंगे IOA का केस
Vinesh Phogat Case Hearing: पहलवान विनेश फोगाट को 7 अगस्त को अपने गोल्ड मेडल मुकाबले से ठीक पहले यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा 50 किलोग्राम की वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जो खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन का दिल तोड़ने वाला अंत था
Vinesh Phogat Case Hearing: मामले की सुनवाई शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे से शुरू होने की उम्मीद है
Vinesh Phogat Case Hearing: भारत के सबसे प्रसिद्ध वकीलों में से एक और पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे पेरिस ओलिंपिक से पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ आज यानी शुक्रवार (9 अगस्त) को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में एक महत्वपूर्ण सुनवाई में इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) का प्रतिनिधित्व करेंगे। पेरिस ओलिंपिक में भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ याचिका पर शुक्रवार दोपहर में सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे से शुरू होने की उम्मीद है।
फोगाट को 7 अगस्त को अपने गोल्ड मेडल मुकाबले से ठीक पहले यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा 50 किलोग्राम की वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जो खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन का दिल तोड़ने वाला अंत था। विनेश ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील दायर की थी, जिसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया था। इसमें विनेश ने ज्वाइंट सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग उठाई है।
ओलिंपिक खेलों या उद्घाटन समारोह से पहले 10 दिनों की अवधि के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद के समाधान के लिए यहां कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स स्थापित किया गया है जो अगले कुछ घंटों में उनकी अपील पर सुनवाई करेगा।
संन्यास का किया ऐलान
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में गोल्ड मेडल मुकाबले से पहले अयोग्य ठहराये जाने के बाद अपनी मां को संबोधित एक भावुक संदेश में कुश्ती को अलविदा कहने की घोषणा की और कहा कि अब आगे खेलने की ताकत नहीं है। विनेश को 7 अगस्त को महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहराया गया था। उन्होंने X पर संन्यास की घोषणा की।
अपनी मां प्रेमलता को संबोधित करते हुए 29 वर्षीय विनेश ने लिखा, "मां, कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना। आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब।" दो बार की विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता ने कहा, "अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं आप सभी की हमेशा ऋणी रहूंगी। मुझे माफ कर दीजिए।"
विनेश ने दिन का एक बड़ा हिस्सा खेल गांव के अंदर पॉलीक्लिनिक में बिताया, क्योंकि वजन कम करने के उपाय के कारण उनके शरीर में पानी की कमी हो गई। इन उपायों में भूखा रहना, तरल पदार्थों से परहेज करना और पसीना बहाने के लिए पूरी रात जागना शामिल था।
सेमी फाइनल में विनेश से हारने वाली क्यूबा की पहलवान युसनेलिस गुज़मैन लोपेज ने फाइनल में भारतीय खिलाड़ी की जगह ली जहां वह अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट से हार गई। विनेश अब लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक विजेता बनने के लिए खेल पंचाट पर भरोसा कर रही हैं।
विनेश ने रचा इतिहास
विनेश ने ओलिंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था। सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था, लेकिन उन्हें फाइनल में भाग लेने के अयोग्य ठहरा दिया गया। विनेश का यह तीसरा ओलंपिक था। वह एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की गोल्ड मेडल विजेता है। हरियाणा की रहने वाली विनेश का पेरिस ओलिंपिक तक का सफर आसान नहीं रहा।
भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन की अगुवाई करने पर उनकी काफी आलोचना हुई। मामला पुलिस और अदालत तक पहुंचा। यही नहीं पेरिस ओलिंपिक में उन्हें अपने पसंदीदा 53 किग्रा की बजाय 50 किग्रा में उतरना पड़ा। इस बार इवेंट में अंतिम पंघाल ने पेरिस ओलिंपिक का कोटा हासिल किया जो पहले दौर में हार कर बाहर हो गई।