Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण एक विशेष खगोलीय घटना है। यह तब होती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के मध्य से गुजरता है। इस साल कुल 2 सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं। जिनमें से पहला सूर्य ग्रहण अप्रैल के महीने में लग रहा है। वहीं दूसरा सूर्य ग्रहण अक्टूबर महीने में है। सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) कई तरह के होते हैं। जैसे आंशिक सूर्य ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण आदि। वहीं, सूर्य ग्रहण की धार्मिक मान्यता भी होती है। जिस चलते उसका सूतक काल मान्य या फिर अमान्य होता है।
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा। यह ग्रहण रात 09:12 बजे से मध्य रात्रि 01:25 बजे तक रहेगा। इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 25 मिनट तक रहेगी। 8 अप्रैल को लगने वाला यह ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी कि खग्रास सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगेगा।
साल का पहला ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा
ग्रहण के दौरान कभी-कभी सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच ऐसी स्थिति आ जाती है। जब चंद्रमा पूर्ण रूप से सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक जाने से कुछ समय के लिए रोक लेता है। इस स्थिति में चंद्रमा की पूर्ण छाया पृथ्वी पर पड़ती है। जिससे लगभग अंधेरा छा जाता है। सूर्य की इस अवस्था को पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जाता है। साल 2024 के सूर्य ग्रहण की शुरुआत दक्षिणी प्रशांत महासागर से होगी। यह उत्तरी अमेरिका और मैक्सिको से गुजरते हुए कनाडा तक जाएगा। कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, फ्रेंच पोलिनेशिया और जमैका जैसे देशों में भी आशिंक रूप से यह दिखाई देगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा, क्योंकि तब यहां रात हो रही होगी।
लिहाजा इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूतक काल ग्रहण लगने से 8-9 घंटे पहले शुरू होता है और ग्रहण लगने तक रहता है। धार्मिक मान्यतानुसार सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है और इस दौरान बहुत से कामों की मनाही होती है।
अगला सूर्य ग्रहण कब लगेगा?
इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर, बुधवार के दिन लगने वाला है। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी से दूर होता है और सूर्य से छोटा नजर आता है। ऐसे में सूर्य का मध्य भाग ही चंद्रमा से ढकता है और सूर्य की बाहरी रिंग आग के छल्ले की तरह दिखाई पड़ती है। इसे रिंग ऑफ फायर भी कहते हैं।