"भारत में भी नेपाल जैसा बवाल मच सकता है!" 'वोट चोरी’ के आरोप पर अखिलेश यादव की चुनाव आयोग को चेतावनी

अखिलेश ने कहा कि वहां Gen-Z के नेतृत्व में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा। अखिलेश यादव ने कहा कि यह सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि कहीं भी कोई वोट चोरी न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चुनाव आयोग ऐसी गतिविधियों को रोकने में विफल रहा, तो देश में नेपाल जैसा विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकता है

अपडेटेड Sep 12, 2025 पर 9:19 PM
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'वोट चोरी’ के आरोप पर अखिलेश यादव की चुनाव आयोग को चेतावनी

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। शुक्रवार को सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग और सरकार "वोट चोरी" को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो भारत में भी नेपाल जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अखिलेश यादव ने नेपाल की मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल का जिक्र किया।

अखिलेश ने कहा कि वहां Gen-Z के नेतृत्व में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा। अखिलेश यादव ने कहा कि यह सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि कहीं भी कोई वोट चोरी न हो।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चुनाव आयोग ऐसी गतिविधियों को रोकने में विफल रहा, तो देश में नेपाल जैसा विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।


अखिलेश यादव ने कहा, “चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि कहीं भी वोट चोरी न हो। सबको पता है कि जब ये लोग वोट चोरी करके चुनाव नहीं जीत पाए, तो बंदूक के दम पर वोट रोकने की कोशिश की गई। अगर ऐसे घटनाक्रम दोहराए गए, तो भारत में भी लोग सड़कों पर उतर सकते हैं, जैसे हमारे पड़ोसी देशों में हुआ।”

अखिलेश यादव ने यूपी चुनावों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पिछले चुनावों में जातिगत आधार पर अधिकारियों की तैनाती की गई थी।

उन्होंने सवाल उठाया, “क्या उस समय सभी प्रेसीडिंग अफसर और चुनाव अधिकारी मुख्यमंत्री की ही बिरादरी से नहीं चुने गए थे? क्या DM और SP को खास निर्देश नहीं मिले थे?”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बार-बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई, और बाद में दावा किया गया कि 77% वोट हासिल किए गए।

नेपाल में क्या हुआ?

नेपाल में हाल ही में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन पहले तो सोशल मीडिया बैन को लेकर थे, लेकिन जल्दी ही यह आंदोलन भ्रष्टाचार-विरोधी हिंसक आंदोलन में बदल गया।

इन प्रदर्शनों के दौरान संसद, सुप्रीम कोर्ट और कई मंत्रियों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया। हालात इतने बिगड़ गए कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत कई मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा।

सुशीला कार्की आज लेंगी नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री की शपथ

सूत्रों के अनुसार, नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को आज रात राष्ट्रपति भवन ‘शीशमहल निवास’ में अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। यह फैसला राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, सुशीला कार्की और Gen-Z आंदोलन के प्रतिनिधियों के बीच चली लंबी बातचीत के बाद लिया गया। पिछले हफ्ते हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद लोग बड़े पैमाने पर राजनीतिक बदलाव की मांग कर रहे थे।

नेपाल से पहले भारत के पड़ोसी देश- अफगानिस्तान, पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश भी इसी तरह के प्रदर्शनों और सत्ता परिवर्तन का सामना कर चुके हैं।

INDIA गुट ने लगाया ‘वोट चोरी’ का आरोप

भारत में विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक लगातार चुनावी धांधली के मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का आरोप लगाया, खासकर कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर, जहां उनके मुताबिक 1 लाख से ज्यादा फर्जी वोटर पाए गए।

उन्होंने कथित वोट चोरी के कई तरीकों का जिक्र किया-

  • डुप्लीकेट वोटर
  • फर्जी पते
  • बड़े पैमाने पर रजिस्ट्रेशन
  • गलत फोटो
  • फॉर्म-6 का दुरुपयोग

कांग्रेस ने इसके खिलाफ “वोट चोरी” अभियान शुरू किया है, जिसमें एक वेबसाइट (votechori.in) और कॉल-इन नंबर भी जारी किया गया है। पार्टी का कहना है कि पारदर्शी वोटर लिस्ट के लिए जनता का समर्थन जरूरी है।

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First Published: Sep 12, 2025 9:18 PM

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