Atiq Ahmed Life History: तांगे वाले का बेटा कैसे बना गैंगस्टर, जानें अतीक अहमद की जिंदगी का काला सच

अतीक और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई। अतीक अहमद साल 2005 में बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या और इस साल फरवरी में उमेश पाल की हत्या का मुख्य आरोपी था। तीन दिन पहले ही यूपी एसटीएफ ने अतीक के बेटे असद का एनकाउंटर कर दिया था। बीते कुछ महीने में अतीक अहम मीडिया की सबसे बड़ी हेडलाइन बना हुआ था

अपडेटेड Apr 16, 2023 पर 4:31 PM
Story continues below Advertisement
अतीक और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई

रविवार की रात उत्तर प्रदेश समेत पूरा देश सन्न रह गया। सन्न करने वाली घटना थी माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद की हत्याअतीक और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई। अतीक अहमद साल 2005 में बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या और इस साल फरवरी में उमेश पाल की हत्या का मुख्य आरोपी था। तीन दिन पहले ही यूपी एसटीएफ ने अतीक के बेटे असद का एनकाउंटर कर दिया था। बीते कुछ महीने में अतीक अहम मीडिया की सबसे बड़ी हेडलाइन बना हुआ था। ऐसे में हमारे लिए अतीक की जिंदगी के बारे में जानना भी बेहद जरूरी है।

तांगे चलाने वाला बना कुख्यात अपराधी

बात है 70 के दशक की। देश तेजी से पुराने दौर को पीछे छोड़ कर आगे की तरफ दौड़ रहा था। उसी दौर में तत्कालीन इलाहाबाद में एक तांगे चलाने वाले के घर जन्म होता है अतीक का। बड़े होते होते अतीक को भी नए जमाने की तेज रफ्तार की लत लग चुकी थी। हाई स्कूल में फेल होने के बाद अतीक पर महज 17 साल की उम्र में ही हत्या का पहला आरोप लगा। इसके बाद अतीक जरायम की दुनाया में बधड़क आगे बढ़ता गया। इलाहाबाद के चकिया और उसके आस पास के इलाकों में उसका खौफ भी बढ़ने लगा। उसने रंगदारी भी वसूलना शुरू कर दिया।


इलाहाबाद में कायम था चांद बाबा का खौफ

जिस वक्त अतीक अपराध की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहा था उस वक्त इलाहाबाद में एक चांद बाबा नाम के एक गैंग्सटर का खौफ कायम हुआ करता था। खौफ भी इस कदर की पुलिस भी उस पर हाथ डालने से डरती थी। प्रसाशन और पुलिस ने चांद बाबा के साम्राज्य को खत्म करने के लिए अतीक को बढ़ावा देना शुरू किया। जिसके बाद अतीक की ताकत बढ़ना शुरू हुई और उसने 1989 में इलाहाबाद वेस्ट की सीट से चांद बाबा को हरा कर विधानसभा में कदम रखा। अतीक की जीत के कुछ दिनों के बाद ही भरे बाजार चांद बाबा की हत्या कर दी गई। इसके बाद इलाहाबाद में शुरू हुई अतीक के आतंक की शुरुआत।

अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड की होगी न्यायिक जांच, CM योगी आदित्यानथ ने किया ऐलान

इलाहाबाद में फैलने लगा अतीक का खौफ

इलाहाबाद में अतीक का खौफ ऐसा था कि इलाहाबाद वेस्ट सीट से कोई चुनाव लड़ने की हिम्मत ही जुटा पाता था। इस दौरान उसकी नजदीकियां समाजवादी पार्टी से भी बढ़ना शुरू हो गई। साल 2004 में अतीक फूलपुर की लोकसभा सीट से सांसद बना। जिसके बाद इलाबाद वेस्ट सीट के खाली होने पर उपचुनाव में उसने अपने भाई अशरफ को चुनाव में उतारा। हालांकि अशरफ को बसपा के उम्मीदवार राजू पाल ने 4000 वोटों से हरा दिया। राजू पाल की यह जीत अतीक को काफी खटक रही थी। जिसके बाद 25 जनवरी 2005 को अतीक के गुर्गों ने विधायक राजू पाल पर हमला कर दिया। उनको ऑटो में अस्पताल ले जाते वक्त भी पांच किलोमीटर तक पीछा करके ताबड़तोड़ गोलियां मारी गईं। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने राजू पाल को मृत करार दे दिया। कहा जाता है कि पाल के शरीर में 19 गोलियां लगी थीं।

अतीक और उसके भाई पर दर्ज थे 150 से ज्यादा मामले

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर 150 से ज्यादा मामले दर्ज थे। अतीक अहमद भले ही राजनेता बन गया पर उसकी माफिया वाली इमेज हमेशा ही कायम रही। 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश से बाहर भेजने का आदेश दिया। 3 जून 2019 को अतीक को अहमदाबाद की सबरमती जेल में भेज दिया गया। इसके बाद उसे हाल ही में हुए उमेश पाल की हत्या के मामले में प्रयागराज लेकर आया गया था। जहां पर अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

Abhishek Nandan

Abhishek Nandan

First Published: Apr 16, 2023 3:51 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।