Blood Sugar: आज कल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने खानपान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। खराब लाइफ स्टाइल के चलते कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इससे डायबिटीज जैसी बीमारियां शरीर में अपना घर बना लेती है। इस बीमारी को जड़ से खत्म करना मुश्किल है। लेकिन आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं। अगर इसे कंट्रोल नहीं करते हैं तो बीमारी का असर बॉडी के अंगों पर दिखने लगता है। डायबिटीज बढ़ने पर किडनी, दिल्ली और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में आप इसे मल्टीग्रेन आटा के जरिए डायबिटीज के आसानी से कंट्रोल में रख सकते हैं।
जब शरीर में पैंक्रियाज कम काम करने लगे यानी इसमें से इंसुलिन कम बनने लगे तो शरीर में शुगर का संश्लेषण कम होने लगता है। इसका नतीजा यह होता है कि शुगर खून में जमा होने लगता है, जिससे डायबिटीज की बीमारी होती है।
कैसे बनता है मल्टीग्रेन आटा?
मल्टीग्रेन आटा जैसा कि नाम से ही पता चलता है यह कई अनाजों से बना आटा है। एक अनाज के साथ दूसरे अनाज को मिक्स करके तैयार आटे को मल्टीग्रेन आटा या कॉन्बीनेशन फ्लोर कहा जाता है। इसमें ज्वार, बाजरा, साबुत अनाज, रागी, सोया, ओट्स, मक्का, छोले, बादाम मिलाए जाते हैं। इस आटे में भारी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैँ। इस आटे में फाइबरप भरपूर मात्रा में पाया जाता है। गेहूं का आटा स्वाद में अच्छा होता है। इसलिए लोग इसका सेवन ज्यादा करते हैं। लेकिन इसमें पोषक तत्व कम पाए जाते हैं। मल्टीग्रेन आटे में गेहूं के मुकाबले काफी पोषक तत्व पाए जाते हैं।
ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने से रोकता है
सामान्य आटा की तुलना में मल्टीग्रेन आटा में डाइट्री फाइबर ज्यादा होता है। जो ब्लड में शुगर के रिलीज को स्लो कर देता है। इससे खून में शुगर का स्तर अचानक नहीं बढ़ता है। शुगर के मरीजों की सबसे बड़ी समस्या यही है कि उसके खून में शुगर का स्तर अचानक बढ़ जाता है।
जब आप नाश्ते में मल्टीग्रेन आटे की रोटी खाएंगे तो ज्यादा फाइबर होने के कारण पूरा दिन आपको भूख नहीं लगेगी। ज्यादा प्रोटीन होने के कारण एनर्जी भी मिलती रहेगी। इसलिए मल्टीग्रेन आटा वजन पर लगाम लगाने में बहुत मदद करता है। मोटापे के शिकार लोगों को गेहूं के आटे के बजाय केवल चना, ज्वार, बाजरा जैसे कई अनाज से बनी रोटी का प्रयोग करना चाहिए।