Credit Cards

Union Budget 2025-26: कब और कैसे तैयार होता है देश का आम बजट? आसान शब्दों में यहां समझें

भारत में बजट तैयार करने की प्रक्रिया जटिल होती है, जिसमें कई महीनों का समय लगता है। वित्त मंत्रालय सभी मंत्रालयों से खर्च का अनुमान मांगता है, फिर उनका मिलाजुला खाका तैयार करता है। जनवरी में विशेषज्ञों से सलाह ली जाती है, और फिर 1 फरवरी को बजट संसद में पेश किया जाता है। 2017 का बजट खास था क्योंकि रेल बजट को आम बजट में शामिल किया गया और पेश करने की तारीख भी बदलकर 1 फरवरी की गई

अपडेटेड Feb 01, 2025 पर 11:10 AM
Story continues below Advertisement
2017 का बजट क्यों था खास?

भारत में बजट हर साल संसद में पेश किया जाता है और यह देश की आर्थिक दिशा को निर्धारित करने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसे 'वार्षिक वित्तीय विवरण' भी कहा जाता है, जिसमें केंद्र सरकार के आय और व्यय का पूरा ब्यौरा होता है। बजट में सरकार पिछले वित्तीय वर्ष की आय और खर्च का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है, साथ ही अगले वित्तीय वर्ष के लिए आय और व्यय का अनुमान भी देती है। यह दस्तावेज सरकार की आर्थिक नीतियों, योजनाओं और विकास के लिए आवंटित धन का ब्योरा प्रदान करता है।

बजट पेश करने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होती है और कई महीनों तक तैयार होती है, जिसमें अलग-अलग मंत्रालयों, उद्योगों और विशेषज्ञों से सलाह ली जाती है। बजट का उद्देश्य केवल आय-व्यय का विवरण देना नहीं, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पेश करना है।

बजट क्यों पेश किया जाता है?


बजट पेश करने का मुख्य उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि वह देश की जनता का पैसा कैसे खर्च कर रही है। इसके जरिए सरकार यह बताती है कि देश की आर्थिक स्थिति क्या है और आगे के लिए क्या योजनाएं हैं। बजट देश की विकास योजनाओं और प्रायोरिटी क्षेत्रों को स्पष्ट करता है। यह देश के वित्तीय स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सरकार की छवि को प्रभावित करता है।

बजट तैयार करने की प्रक्रिया

बजट तैयार करने की प्रक्रिया बहुत विस्तृत और जटिल होती है। ये प्रक्रिया मुख्य रूप से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा की जाती है, जो हर साल बजट तैयार करता है। आइए जानते हैं कि बजट तैयार करने की प्रक्रिया कैसे होती है।

बजट सर्कुलर जारी करना

बजट तैयार करने की शुरुआत अगस्त या सितंबर में होती है, जब वित्त मंत्रालय द्वारा बजट सर्कुलर जारी किया जाता है। इस सर्कुलर में सभी सरकारी विभागों और मंत्रालयों से उनके अगले वित्तीय वर्ष के खर्च का अनुमान और अन्य वित्तीय आंकड़े मांगे जाते हैं। इसके बाद, सभी मंत्रालय बजट में अपनी जरूरतों और योजनाओं के लिए धन की मांग करते हैं।

मंत्रालयों के साथ बैठक

अक्टूबर-नवंबर में वित्त मंत्रालय मंत्रालयों के साथ बैठक करता है। इन बैठकों में यह तय किया जाता है कि प्रत्येक मंत्रालय को कितने पैसे आवंटित किए जाएंगे। इन बैठकों में मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मोल-भाव (negotiate) करते हैं ताकि उन्हें बजट में ज्यादा से ज्यादा धन मिले। यह प्रक्रिया नवंबर तक पूरी होती है।

बजट की रूपरेखा तैयार करना

नवंबर के अंत तक, वित्त मंत्रालय द्वारा बजट की रूपरेखा तैयार की जाती है। इस रूपरेखा में सरकार की आय और खर्च का प्रारंभिक अनुमान होता है। इसके आधार पर पूरे बजट का खाका तैयार किया जाता है।

बजट का पहला ड्राफ्ट तैयार करना

दिसंबर में बजट का पहला ड्राफ्ट तैयार किया जाता है। यह ड्राफ्ट वित्त मंत्री के सामने रखा जाता है। ड्राफ्ट में सभी मंत्रालयों की वित्तीय जरूरतें और बजट की प्राथमिकताएं शामिल होती हैं। इस ड्राफ्ट को 'नीले कागज' पर तैयार किया जाता है क्योंकि नीले रंग पर काले स्याही के दस्तावेज बेहतर दिखते हैं।

बजट पर सलाह-मशविरा

जनवरी के महीने में वित्त मंत्री विभिन्न उद्योग समूहों, बैंकों, और प्रमुख अर्थशास्त्रियों से मुलाकात करते हैं। इस बैठक में बजट के बारे में सलाह ली जाती है, हालांकि वित्त मंत्री इसे अपनाने के लिए बाध्य नहीं होते। इस प्रक्रिया में वित्त मंत्रालय को बाहरी दृष्टिकोण और सुझाव मिलते हैं।

बजट पेश करने से पहले हलवा समारोह

भारत में बजट पेश करने से पहले एक पारंपरिक हलवा समारोह आयोजित किया जाता है। ये समारोह नॉर्थ ब्लॉक में होता है, जहां वित्त मंत्री और मंत्रालय के अधिकारी बजट की तैयारी में जुटे होते हैं। इस समारोह में सभी अधिकारियों को हलवा वितरित किया जाता है। इसके बाद, बजट से संबंधित सभी अधिकारियों को एक गुप्त स्थान पर रखा जाता है, जहां वे मोबाइल या इंटरनेट का उपयोग नहीं कर सकते। यह स्थिति तब तक रहती है जब तक बजट पेश नहीं किया जाता।

बजट का पेश होना

बजट 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद में पेश किया जाता है। बजट पेश करने से पहले, वित्त मंत्री इसे राष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्रिमंडल को प्रस्तुत करते हैं। इसके बाद, संसद में बजट पेश किया जाता है, और वित्त मंत्री इसे पूरी संसद और देश के सामने रखते हैं। बजट में सरकार अपनी योजनाओं, आय-व्यय, और विकास की दिशा को स्पष्ट करती है।

2017 का बजट क्यों था खास?

2017 का बजट दो कारणों से अलग था:

रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया – 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए अब रेल बजट को अलग से पेश नहीं किया गया।

बजट का पेश होने का दिन बदलकर 1 फरवरी किया गया – पहले यह 28 फरवरी को पेश होता था, लेकिन 2017 से इसे 1 फरवरी को पेश किया गया।

Prestige Estates share price : प्रेस्टीज एस्टेट्स के शेयर को जेफरीज से मिला 'डबल-अपग्रेड' 8% भागा शेयर

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।