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Cancer: सौंफ के सेवन से कैंसर का जोखिम होगा कम, जानिए किस समय और कितनी खानी चाहिए

Cancer: सौंफ को उसकी स्वाद और सुगंध के लिए कई सब्जियों और मसालों के साथ उपयोग किया जाता है। लेकिन इसके फायदे भी किसी दवा से कम नहीं है। सौंफ की तासीर ठंडी होती है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने पर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को भी खत्म किया जा सकता है। इसमें कैल्शियम, सोडियम, आयरन, पोटैशियम जैसे कई तत्व पाए जाते हैं

अपडेटेड Sep 01, 2023 पर 4:05 PM
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Cancer के मरीजों के लिए सौंफ बेहद फायदेमंद मानी गई है

Cancer: हमारे आस-पास इतनी अच्छी-अच्छी चीजें होती हैं। जिसे अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन इन्हीं चीजों को अगर बेहतर तरीके से इस्तेमाल करें तो शरीर तंदुरस्त रहेगा। इसी तरह की मामूली चीज है सौंफ। सौंफ हर किसी के घर में मौजूद होता है लेकिन बहुत कम लोग इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं। सेहत के लिए सौंफ बेशकीमती हीरे की तरह है। इसके नियमित सेवन से कैंसर जैसी बीमारियों को जोखिम को भी कम किया जा सकता है। सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, आयरन, पोटैशियम जैसे कई तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई रोगों से बचाने का काम करते हैं।

एक कप सौंफ में 3 ग्राम फाइबर, 12 फीसदी विटामिन C, 3 फीसदी कैल्शियम, 4 फीसदी आयरन, 4 फीसदी मैग्नीशियम, 8 फीसदी पोटैशियम, 7 फीसदी मैग्नीशियम और 27 कैलोरी ऊर्जा मौजूद होती है। सौंफ का नियमित सेवन कर कैंसर की बीमारी से बचा जा सकता है।

सौंफ के बेमिसाल फायदे


सौंफ से कैंसर का बचाव

हेल्थ से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि सौंफ का नियमित सेवन शरीर में कैंसर के जोखिम को कम करता है। हिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और लिवर कैंसर में सौंफ रामबाण औषधि के रूप में काम करती है। सौंफ में मौजूद विटामिन-C और क्वेरसेटिन शरीर में सूजन कम करने में मदद करती है। सौंफ के दाने चबाने से सलाइवा में पाचक एंजाइम बढते हैं। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रहता है। इसमें मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर और हर्ट रेट को कंट्रोल रखता है। रात में खाना खाने के बाद आधा चम्मच सौंफ (पतली) खा सकते हैं। इसके अलावा घर में सब्जी (सीताफल, आचार, करेला,सुखी सब्जी) चाय में भी सौंफ (मोटी) के गिनती के 8-10 दाने डाल सकते हैं।

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खून की कमी को पूरा करे सौंफ

सौंफ रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करते हैं। इसके सेवन से शरीर में आयरन की पूर्ति बनी रहती है। जिससे हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती है। इससे एनीमिया होने का खतरा नहीं होता है। गर्भवती महिलाओं को खून की कमी को पूरा करने के लिए सौंफ का पानी पीना चाहिए।

दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद है सौंफ

जो महिलाएं अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं। उनके लिए नियमित रूप से सौंफ का सेवन फायदेमंद होता है। सौंफ प्रोलेक्टिन हार्मोन के लेवल को बढ़ाने में मदद करता है। प्रोलेक्टिन हार्मोन के बढ़ने से दूध का प्रोडक्शन बढ़ जाता है।

रात में भिगोकर रखें सौंफ

रात में पीसी हुई सौंफ (मोटी) या कुछ दाने पानी में भिगोकर रखें। सुबह खाली पेट इस पानी को पी लें। अगर दाने हैं तो उसे चबाकर खा लें। इससे जल्दी वजन घटाने में मदद मिलती है। पाचन क्रिया बेहतर होती है। पेट में एसिडिटी नहीं बनती। इसके अलावा पेट की गैस, खट्टी डकार आना तथा खाना पचने में होने वाली समास्याओं से छुटकारा मिलता है।

लंच के बाद सौंफ बन जाती है माउथ फ्रेशनर

दोपहर के खाने के बाद आधा चम्मच सौंफ (पतली) माउथ फ्रेशनर का काम करती है। मुंह की बदबू भगाने के अलावा यह खाना पचाने में मदद करती है। डॉक्टर बताते हैं कि सौंफ में फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम होता है।

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