Diabetes पूरी दुनिया में तेजी से पांव पसार रही है। देश को दुनियाभर में डायबिटीज की राजधानी के नाम से जाना जाता है। डायबिटीज की बीमारी आनुवंशिकी होती है। इसके साथ ही यह खराब खानपान और बिगड़ी हुई लाइफ स्टाइल के चलते बहुत से लोग डायबिटीज के मरीज हो जाते हैँ। अपनी लाइफस्टाइल में सुधर और बेहतर खानपान के लिए डायबिटीज को ठीक किया जा सकता है। ऐसे ही हरी सब्जियों में लौकी से ज्यादा तोरई को फायदेमंद माना जा रहा है। इसे तुरई या तोरी के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम लूफा सिलिन्ड्रिका है। इसकी खेती पूरे भारत में होती है।
तोरई में बहुत से पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें डाइटरी फाइबर, आयरन और विटामिन B6, विटामिन A, विटामिन C, मैग्नीशियम, काफी मात्रा में पाया जाता है। इसके साथ ही प्राकृतिक रूप से इसमें बहुत कम कैलरी पाई जाती है। यह सब्जी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी गई है। इसके सेवन से कई बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
तोरई डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद
तोरई को अपनी डाइट में शामिल करने से काफी फायदा होता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी दवा से कम नहीं हैं। ये पहले तो शरीर में शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करता है। दूसरा डायबिटीज को मैनेज करने में मदद करता है। इसके अलावा डायबिटीज में होने वाली कब्ज की समस्या को भी दूर करने में तोरई का सेवन फायदेमंद है। तोरई की सब्जी बहुत हल्की मानी जाती है। यह कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए भी फायदेमंद मानी गई है। तोरई का नियमित सेवन करने से पीलिया होने की आशंका कम रहती है। इसके अलावा बवासीर और टी.बी. की समस्या को भी यह खत्म कर देती है।
तोरई में पानी की मात्रा काफी होती है। इसके साथ ही यह फायबर से भी भरपूर होता है। यह वज़न कम करने में मददगार साबित होता है। फाइबर की मात्रा ज्यादा होने की वजह से यह पेट को लंबे समय तक भरा रखती है। कैलोरी काउंट को बढ़ाने भी नहीं देती है।
तोरई में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होता है। इससे स्किन से जुड़ी समस्याओं को खत्म करने में मदद मिलती है। तोरई का पानी स्किन को अंदर से हाइड्रेट करता है। जिससे स्किन अंदर से डिटॉक्स होती है। इसके सेवन से त्वचा में निखार आता है।