Anantnag Operation: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग इलाके में मंगलवार शाम को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों में से एक मोहाली के कर्नल मनप्रीत सिंह (Colonel Manpreet Singh) भी थे। अनंतनाग में बुधवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत सिंह के साथ मेजर आशीष धोनैक (Major Ashish Dhonak) और DSP हुमायूं भट (Humayun Bhat) भी शहीद हो गए थे। कर्नल सिंह उस बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन किया। गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। आतंकियों के साथ गोलीबारी में मेजर आशीष धोनैक और DSP हुमायूं भट्ट की भी जान चली गई।
कर्नल सिंह ने आखिरी बार अपने परिवार से बुधवार सुबह बात की थी। उस समय वह व्यस्त थे। उन्होंने परिवार से कहा था कि वह बाद में बात करेंगे। कर्नल मनप्रीत सिंह 12वीं सिख LI. से थे। उन्हें सेना मेडल मिल चुका है। मनप्रीत सिंह के बहनोई वीरेंद्र गिल ने कहा कि उन्होंने सुबह 6.45 बजे मनप्रीत से बात की थी। गिल ने कहा, ''उन्होंने कहा कि वह बाद में बात करेंगे। अभी सैन्य ऑपरेशन चल रहा है।'
6 साल का बेटा, दो साल की बेटी
मनप्रीत के परिवार में उनकी पत्नी, मां और दो बच्चे हैं। उनकी 2 साल की बेटी और एक 6 साल का बेटा है। बुधवार में दोपहर में परिवार को पता चला कि वह ऑपरेशन में घायल हो गए हैं। उनकी मौत की खबर मिलने के बाद भी परिवार ने उनकी पत्नी को यही बताया था। पत्नी को गुरुवार सुबह उनकी मौत की जानकारी दी गई।
शहादत की खबर फैलते ही गुरुवार को बड़ी संख्या में लोग शोक संतप्त परिजन को ढांढस बंधाने के लिए उनके घर के बाहर एकत्र हो गए। घर के बाहर जुटी भीड़ में से कुछ लोगों ने आक्रोशित स्वर में कहा कि सेना को इस कायरना हरकत के लिए आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। गुरुवार सुबह बड़ी संख्या में गांव वाले सिंह के घर मोहाली के मुल्लांपुर पहुंचे। एक कॉलेज में लेक्चरर के रूप में कार्यरत सिंह की पत्नी को गुरुवार सुबह उनके पति के निधन की सूचना दी गई। इससे पहले उन्हें बुधवार को बताया गया था कि उनके पति (सिंह) गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं।
सिंह के ससुराल पक्ष के लोग हरियाणा के पंचकूला के सेक्टर 26 में रहते हैं। उनके साले (पत्नी के भाई) ने पत्रकारों को बताया कि इस घटना की खबर उन्हें बुधवार शाम को ही मिल गई थी। लेकिन उन्होंने अपनी बहन को इस दुखद खबर की जानकारी गुरुवार सुबह ही दी। सिंह की दो साल की बेटी को गोद में लिए उनके ससुर जगदेव ने पत्रकारों को बताया कि शहीद अधिकारी को पिछले साल ही सेना मेडल से सम्मानित किया गया था।
वीरता पुरस्कार से सम्मानित
सिंह के चाचा ने पत्रकारों से बातचीत में अपने भतीजे की यादें शेयर करते हुए कहा कि बचपन से ही उसमें कुछ कर गुजरने का जज्बा था। वह हमेशा मुस्कराते हुए दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था। उन्हें हाल ही में सेना द्वारा वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह चार महीने में राष्ट्रीय राइफल्स के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने वाले थे।
मनप्रीत सेकंड जनरेशन के ग्रेवाल सेना अधिकारी थे। वह पहले ही 17 साल की सेवा पूरी कर चुके थे। 2021 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को मार गिराने के बाद कर्नल मनप्रीत सिंह को वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया था। अपनी सर्विस के दौरान कर्नल सिंह ने लगभग पांच साल उसी राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ बिताए। पहले तीन साल सेकेंड-इन-कमांड के रूप में और फिर कमांडिंग ऑफिसर के रूप में कार्यरत थे।