पिछले हफ्ते कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ने के बाद एक बार फिर लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसके मद्देनजर केंद्र ने पांच राज्यों को कोरोना वायरस के किसी भी तरह के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की सलाह दी है। विशेषज्ञों के अनुसार देश में कोरोना के मामलों में आगामी दिनों में तेजी नहीं आएगी। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि अब हम सभी को कोरोना वायरस के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए।
देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान (AIIMS) के सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय राय (Dr Sanjay Rai) ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि दूसरी और तीसरी लहरों को ध्यान में रखते हुए हमारे देश की स्थिति अब काफी बेहतर है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के वायरस जल्दी खत्म नहीं होते हैं। कोरोना के मामलों में आने वाले दिनों में उतार-चढ़ाव होते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि देश में अब इसे सामान्य मानकर आगे बढ़ना चाहिए। प्रोफेसर ने कहा कि दीर्घकालिक प्रभाव अभी ज्यादा नहीं होगा। हालांकि, मामलों की संख्या बढ़ सकती है जो ज्यादा मायने नहीं रखती है, क्योंकि RNA वायरस का स्वरूप बदलता रहता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, कोरोना वायरस एक संक्रामक रोग है जो SARS Cov-2 के कारण होता है। हालांकि, कोविड-19 को एक वैक्सीन, दवाओं और अन्य उपायों से रोकने की कोशिश की जा रही है। कोरोना वायरस एक सिंगल स्टैंडर्ड RNA वायरस है, जिसमें लंबी दूरी तक फैलने की क्षमता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक, मानव शरीर जैसे DNA से मिलकर बनता है, वैसे ही वायरस भी या तो DNA या फिर RNA से बनता है। कोरोना वायरस RNA से ही बना है। जीनोम सीक्वेंसिंग वह टेक्नोलॉजी है, जिससे RNA की जेनेटिक जानकारी मिलती है। आसान शब्दों में कहें तो वायरस कैसा है, कैसे हमला करता है और कैसे बढ़ता है, ये जानने में जीनोम सीक्वेंस ही काम आता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने हाल ही में तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र को लिखे एक पत्र में कहा था कि भारत में कोविड-19 के मामलों में कुछ राज्यों से अधिक मामले आ रहे हैं, जिससे संक्रमण के प्रसार की संभावना का संकेत मिलता है।