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दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की Ashneer Grover की याचिका, ब्लैक मनी एक्ट के तहत जारी इनकम टैक्स नोटिस को दी थी चुनौती

Ashneer Grover ने यह याचिका गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और इनकम टैक्स के डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ दायर की थी। रिपोर्ट के अनुसार ग्रोवर को ब्लैक मनी एक्ट की धारा 8 के तहत 29 मई 2023 को आयकर नोटिस जारी किया गया था। हाई कोर्ट ने कहा कि खुद ही याचिका वापस ले लें, वरना कोर्ट को इसे खारिज करना होगा

अपडेटेड Aug 01, 2023 पर 4:59 PM
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने Ashneer Grover द्वारा आयकर नोटिस को चुनौती देने वाली रिट याचिका खारिज कर दी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज मंगलवार को BharatPe के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) द्वारा आयकर नोटिस को चुनौती देने वाली रिट याचिका खारिज कर दी। यह याचिका गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और इनकम टैक्स के डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ दायर की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार ग्रोवर को ब्लैक मनी एक्ट की धारा 8 के तहत 29 मई 2023 को आयकर नोटिस जारी किया गया था। हाई कोर्ट ने ग्रोवर के वकील से कहा कि वह खुद ही याचिका वापस ले लें, वरना कोर्ट को इसे खारिज करना होगा।

याचिका में की गई थी ये मांग

ग्रोवर ने इस याचिका में ब्लैक मनी (अन्डिस्क्लोज्ड फॉरेन इनकम एंड एसेट्स) एंड इंपोजीशन ऑफ टैक्स एक्ट 2015 के तहत नोटिस को रद्द करने और "असेसमेंट कार्यवाही पर रोक लगाने" की मांग की थी। दायर याचिका में ग्रोवर ने नोटिस को रद्द करने और काला धन अधिनियम, 2015 के तहत कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी। कार्यवाही को चुनौती देने वाली इस रिट पीटिशन को कोर्ट ने "वापस ले लिया गया मानकर खारिज कर दिया।"


विवादों में घिरे रहते हैं ग्रोवर

BharatPe के पूर्व MD 2022 की शुरुआत से विवादों में घिरे हुए हैं। भारतपे के साथ चल रहे झगड़े के बीच फिनटेक यूनिकॉर्न ने पहले आरोप लगाया था कि ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और परिवार के अन्य सदस्यों ने फर्जी बिल बनाए, कंपनी को सर्विसेज प्रदान करने के लिए फर्जी वेंडर्स को लिस्ट किया और रिक्रुटमेंट के लिए फर्म से अधिक शुल्क लिया। इससे पहले मई में कंपनी ने ग्रोवर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत दर्ज की थी, जिसे दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने दर्ज किया था।

दंपति ने एक याचिका दायर कर उच्च न्यायालय से 81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने का अनुरोध किया था। बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की एफआईआर पर अश्नीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

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