जोमैटो (Zomato) की फटाफट सेवा पहुंचाने वाली प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट (Blinkit) ने दिल्ली-एनसीआर में लोगों को तगड़ा झटका दिया है। ब्लिंकिट के दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थित 200 में से आधे से अधिक डार्क स्टोर्स पिछले चार दिनों से बंद हैं। स्थिति में सुधार की आगे भी संभावना नहीं दिख रही है क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स के दावे के मुताबिक अभी और स्टोर्स बंद हो सकते हैं। यह स्थिति डिलीवरी एग्जेक्यूटिव्स यानी सामान घर-घर पहुंचाने वालों के हड़ताल पर जाने के चलते बनी है। एक मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया है। ब्लिंकिट ऐप पर जाने पर गुरुग्राम, दिल्ली के कुछ इलाकों, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के स्टोर्स को उपलब्ध नहीं दिख रहा है।
किस बात को लेकर डिलीवरी एग्जेक्यूटिव्स हड़ताल पर
डिलीवरी एग्जेक्यूटिव्स पेआउट स्ट्रक्चर में बदलाव को लेकर विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे उनकी कमाई कम हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डिलीवरी एग्जेक्यूटिव्स अपना विरोध जारी रखने की योजना बना रहे हैं तो वहीं कंपनी अपने नए पेआउट स्ट्रक्चर को बाकी स्टोर्स पर भी लागू करने की स्ट्रैटजी पर चल रही है। कंपनी का कहना है कि वह नए स्ट्रक्चर को लेकर अपने डिलीवरी एग्जेक्यूटिव्स को समझाने की कोशिश कर रही है कि इसके फायदे क्या हैं।
पिछले साल ब्लिंकिट के डिलीवरी एग्जेक्यूटिव्स को हर ऑर्डर पर 50 रुपये मिलते थे लेकिन फिर इसे घटाकर 25 रुपये कर दिया है और अब दूरी के आधार पर इसे 15 रुपये कर दिया गया क्योंकि ब्लिंकिट के स्टोर्स दो से तीन किमी के भीतर काम करते हैं। पेआउट में डिस्टेंस-बेस्ड कंपोनेंट को लेकर ही डिलीवरी एग्जेक्यूटिव्स का गुस्सा है क्योंकि इससे उनकी कमाई कम होगी। हालांकि कंपनी का कहना है कि उसके ऐप पर सामानों की संख्या बढ़ाई जा रही है तो ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी तो वे और अधिक कमाई करेंगे। कंपनी के डिलीलरी एग्जेक्यूटिव्स का कहना है कि बाकी प्लेटफॉर्म के मुकाबले यहां अच्छा पेमेंट मिल रहा है लेकिन अब यहां भी दिक्कतें खड़ी कर दी गई हैं।
तो स्टोर्स क्यों हो रहे बंद
डिलीवरी एग्जेक्यूटिव्स की हड़ताल पर स्टोर्स क्यों बंद हो रहे हैं, इसकी वजह पेनाल्टी है। दिल्ली में स्थित एक डार्क स्टोर के मालिक का कहना है कि अगर स्टोर खुला है तो यह ऐप पर दिखेगा। ऐसे में अगर कोई ग्राहक ऑर्डर करता है और उसे डिलीवरी नहीं होती है, तो स्टोर पर पेनाल्टी लगाई जाएगी। ऐसे में स्टोर्स बंद हो रहे हैं, जब तक कि डिलीलरी एग्जेक्यूटिव्स वापस नहीं आ जाते हैं। एक डिलीवरी एग्जेक्यूटिव का कहना है कि स्टोर मैनेजर्स के लिए नया पेआउट सिस्टम बढ़िया है क्योंकि डार्क स्टोर का सर्विस एरिया बड़ा है लेकिन एग्जेक्यूटिव्स तो दो किमी से अधिक दूरी पर बहुत ही कम ऑर्डर पहुंचाना होता है यानी कि वे हर डिलीवरी पर 15 रुपये ही कमा पाएंगे।
देश भर में करीब 400 स्टोर्स हैं Blinkit के
ब्लिंकिट के देश के 20 शहरों में करीब 400 डार्क स्टोर्स हैं। इसमें से आधे तो सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में हैं। इसके कारोबार की बात करें तो दिसंबर 2022 तिमाही में ब्लिंकिट के हर डार्क स्टोर ने हर दिन औसतन 5.24 लाख रुपये का ऑर्डर हासिल किया जो उसकी पिछली तिमाही जुलाई-सितंबर 2022 में 4.22 लाख रुपये था। दिसंबर 2022 तिमाही में ब्लिंकिट का ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू 1749 करोड़ रुपये का था और रेवेन्यू 301 करोड़ रुपये था। ब्लिंकिट की मालकिन जोमैटो (Zomato) ने दिसंबर तिमाही के नतीजे के साथ कहा था कि कंपनी की योजना ब्लिंकिट के डार्क स्टोर्स की संख्या एक साल में 30-40 फीसदी और बढ़ाने की है।