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Diabetes Control: इस पौधे की पत्ती से लेकर जड़ तक में भरा है इंसुलिन, शुगर फौरन हो जाएगा कंट्रोल

Diabetes Control: डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आप कई जड़ी बूटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हीं में से एक है चिरायता। इसके पत्ते, जड़ और छाल खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। चिरायता आयुर्वेद में लंबे समय से इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटी है। इसका स्वाद स्वाद बेहद कड़वा होता है। लिहाजा बहुत कम लोग इसका सेवन करते है

अपडेटेड May 11, 2023 पर 2:33 PM
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चिरायता डायबिटीज समेत कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाव और इनके उपचार में काम आता है

Diabetes Control: ब्लड शुगर के मरीज देश में दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी, बिगड़ती लाइफ स्टाइल और खानपान पर नहीं ध्यान देने की वजह से आजकल लोग कई गंभीर बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं। अब तो डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी आज के समय की सबसे आम बीमारियों में से एक है। ज्यादातर घरों में कोई न कोई शख्स डायबिटीज से पीड़ित है। यह बीमारी आनुवांशिक (Genetic) भी होती है। ऐसे में इसका खतरा पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ता रहता है। इस बीमारी से निपटने के लिए चिरायता (Chirata) किसी वरदान से कम नहीं है। यह एक प्रकार की जड़ी बूटी है। इसके बारे में आयुर्वेद में विस्तार से बताया गया है।

चिरायता काफी कड़वा होता है। यह नीम की तरह ही कड़वा होता है। जैसे कड़वा होता हैष लेकिन नीम की पत्तियों के सेवन से खून साफ होता है। नीम त्वचा से जुड़ी कई बीमारियों को खत्म करने में मदद करती है। उसी तरह चिरायता भी कई तरह की बीमारियों को जड़ से खत्म करता है।

चिरायता के फायदे


चिरायता के इस्तेमाल से बुखार, खांसी, पेट दर्द, भूख की कमी, पेट के कीड़े, स्किन डिजीज, सूजन की समस्या, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, अस्थमा और यहां तक कि कैंसर का भी इलाज किया जा सकता है। इससे समझा जा सकता है कि चिरायता हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद होता है। भारत में मलेरिया में भी चिरायता का इस्तेमाल किया जाता है। चिरायता के छाल और इसकी जड़ का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है।

चिरायता लिवर की करता है सफाई

चिरायता लिवर और किडनी में गए टॉक्सिन मैटेरियल को बाहर निकाल देता है। चिरायता में हेपाटोप्रोटेक्टिव प्रॉपर्टी होती है जो शरीर से सभी तरह के हानिकारक जहर को निकालने का काम करती है। इसके साथ ही चिरायता लिवर में सेल्स के फिर से बनने में मदद करता है। कहने का मतलब ये हुआ कि लिवर की कोशिकाएं दोबारा बनने लगती हैं।

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चिरायता डायबिटीज के लिए है रामबाण

चिरायता ब्लड शुगर लेवल को कम करने में कारगर होता है। दरअसल, इसमें अमारोगेंटिन (Amarogentin) बायोएक्टिव कंपाउंड होता है। यह कंपाउंड एंटी-डायबिटिक प्रभाव दिखाता है। यही कारण है कि डायबिटीज मरीजों के लिए यह इंसुलिन का उत्पादन करता है। जिससे ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है।

ब्लड प्रेशर कम करता है

चिरायता ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है। चिरायता से हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन भी कम होता है। इसके अलावा बिच्छु काटने का इलाज भी चिरायता से किया जाता है। चिरायता अस्थमा रोगियों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है।

स्किन केयर

चिरायता हर तरह से स्किन का ख्याल रखता है। चिरायता के नियमित सेवन से स्किन में कोई इंफेक्शन नहीं होता और स्किन में ग्लोइंग बरकरार रहता है। यह स्किन से जुड़ी दिक्कतें, जैसे कि रेशेज, इचिंग, सूजनन, बर्निंग, रेडनेस आदि को दूर करता है।

कैसे करें सेवन?

खाना खाने से पहले 60ml चिरायते का सेवन टॉनिक के रूप में किया जा सकता है। इसे गर्म पानी और लौंग या दालचीनी के साथ तैयार किया करके 1 से 2 बड़े चम्मच पी सकते हैं। चिरायता के पत्तों का जूस निकालकर भी पी सकते हैं। लेकिन एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि चिरायते का उपयोग बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के न करें।

चिरायता के साइड इफेक्ट

चिरायता बहुत ही कड़वी होता है। इसका सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। चिरायता के ज्यादा सेवन से उल्टी, चक्कर, सून्नापन और हाइपोग्लीसिमिया हो सकता है। जब अत्यधिक इंसुलिन का उत्पादन हो तो उसे हाइपोग्लीसिमिया कहते हैं। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी में चिरायता का इस्तेमाल सोच समझकर किया जाना चाहिए।

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