Diwali 2023: दिवाली पर कब है लक्ष्मी पूजा का समय? इस टाइम जरूर जलाएं दीये

दिवाली का गहरा महत्व है क्योंकि यह अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दिवाली के लिए ज्यादातर सभी अपने घरों की सफाई करने और अपने दिलों से शिकायतों को साफ करने और नई शुरुआत करने का समय माना जाता है

अपडेटेड Nov 12, 2023 पर 7:30 AM
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Diwali 2023: दिवाली के दौरान दीपक जलाने की परंपरा चली आ रही है।

Diwali 2023: भारत और दुनिया के कई हिस्सों में दिवाली बड़े रविवार 12 नवंबर को मनाई जाएगी। रोशनी के त्योहार के नाम से जानी जाने वाला ये त्योहार खुशियों का प्रतीक माना जाता है। ये धन और समृद्धि की तरफ इशारा करता है। इस दिन लोग मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। हिंदू संस्कृति के इतिहास के मुताबिक दिवाली की कार्तिक महीने के अमावस पर मनाई जाती है। इस त्यौहार की जड़ें भारत के प्राचीन ग्रंथों और किंवदंतियों में मिलते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह वह दिन है जब भगवान राम रावण को हराने के बाद अपने राज्य अयोध्या लौटे थे। उनकी वापसी से बहुत खुश होकर अयोध्या के लोगों ने उनके रास्ते को रोशन करने के लिए दीपक जलाए। इस प्रकार दिवाली के दौरान दीपक जलाने की परंपरा चली आ रही है। दिवाली की पूजा शुभ मुहूर्त में करना अच्छा माना जाता है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

इस दीपावली यानी 12 नवंबर 2023 को शाम 6 बजे से लेकर 7 बजकर 57 बजे तक रहेगा। इसी के साथ  रात 12 बजकर 28 मिनट से 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इसमें लक्ष्मी पूजा करना सबसे मंगलकारी है।


प्रदोष काल में भी कर सकते हैं पूजा

ज्योतिष के मुताबिक प्रदोष काल में भी लक्ष्मी पूजन कर सकते है। इसका समय 5 बजकर 46 मिनट से लेकर 9 बजकर 4 मिनट तक और शुभ चौघड़िया 9 बजकर 4 मिनट से 10 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा चंचल चौघड़िया 2 बजकर 1 मिनट से लेकर 3 बजकर 40 मिनट तक श्रेष्ठ चौघड़िया में लक्ष्मी पूजन किया जा सकेगा।

बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार

दिवाली का गहरा महत्व है क्योंकि यह अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दिवाली के लिए ज्यादातर सभी अपने घरों की सफाई करने और अपने दिलों से शिकायतों को साफ करने और नई शुरुआत करने का समय माना जाता है। सभी परिवार एक साथ आते हैं, उपहारों लेते और देते हैं। ये त्योहार अंधेरे समय में आशा और अच्छाई की रोशनी कायम करता है।

मुहूर्त और उत्सव

दिवाली के दौरान देवी लक्ष्मी के पूजन का भी महत्व है। कई लोग इस दिन देवी की पूजा करते हैं। बंगाल में दिवाली और काली पूजा के दौरान देवी काली की पूजा की जाती है। जैसे ही 12 नवंबर को सूर्य अस्त होगा, दिवाली पूजा के लिए सबसे शुभ समय 'प्रदोष' का समय शुरू होगा। ऐसा माना जाता है कि कोई भी दिवाली पूजा मुहूर्त प्रदोष का समय सबसे शुभ माना जाता है। भले ही वह केवल एक घटी यानी लगभग 24 मिनट के लिए हो।

रंगोली से घर सजाते हैं लोग

घरों को रंगोली से सजाया जाता है। सड़कों पर रोशनी और लालटेन की सजावट की जाती है। परिवार आतिशबाजी करते हैं जिससे रात का आसमान रंगों से जगमगा उठता है। हर घर में दावत तैयार की जाती है, और हर कोई इस विशेष त्योहार के लिए अपने बेहतरीन कपड़े पहनता है।

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First Published: Nov 12, 2023 7:30 AM

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