Blast in J&K: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में गुरुवार (11 सितंबर) को संदिग्ध विस्फोट होने से इलाके में दहशत फैल गई। सूत्रों के मुताबिक यह विस्फोट डोडा में जमई मस्जिद के पास डुमरी मोहल्ले में हुआ। पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई है। इस मामले में विस्तृत जानकारी का इंतजार है। इस सिलसिले में दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। कड़े जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के बाद 80 से अधिक लोगों को हिरासत में लिए जाने तथा प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पों के बाद जिले तथा आसपास के इलाकों में तनाव व्याप्त है।
डोडा जिले में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन प्रतिबंध लागू रही। एहतियात के तौर पर मोबाइल इंटरनेट और वाईफाई सेवाएं निलंबित रहीं। प्रशासन ने सोमवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर बिना पूर्व अनुमति के लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया। अधिकारियों ने बताया कि रात भर स्थिति शांत रही। किसी नए विरोध प्रदर्शन की सूचना नहीं मिली। उन्होंने बताया कि सुरक्षाकर्मी सतर्कता बरत रहे हैं।
कथित प्रशासनिक मनमानी को लेकर तनाव के बीच डोडा शहर, भद्रवाह, गंडोह और थाथरी के आसपास भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सरकारी कार्यालयों के पास कांटेदार तार लगाए गए हैं। पुलिस वाहनों ने क्षेत्र में गश्त की और निवासियों से घरों के अंदर रहने की अपील की।
पुलिस ने गुरुवार को AAP के डोडा से विधायक मेहराज मलिक की हिरासत के खिलाफ निकाले गए विरोध मार्च को विफल कर दिया। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह समेत पार्टी सदस्यों को सर्किट हाउस से बाहर नहीं जाने दिया। सिंह अन्य AAP सदस्यों के साथ बुधवार को श्रीनगर पहुंचे और यहां प्रेस एन्क्लेव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने और धरना देने वाले थे।
आप सदस्य शहर के सोनवार इलाके में सर्किट हाउस में ठहरे हुए हैं। हालांकि, सर्किट हाउस के बाहर पुलिस की एक टुकड़ी तैनात कर दी गई थी और उसके गेट बंद कर दिए गए थे। जब सिंह और पार्टी के अन्य सदस्यों ने सर्किट हाउस से बाहर निकलने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें बाहर नहीं जाने दिया।
एक वीडियो संदेश में सिंह ने पुलिस कार्रवाई को तानाशाही बताया। अधिकारियों ने बताया कि 2024 के विधानसभा चुनाव में डोडा सीट से 4,500 से ज्यादा वोटों से जीतने वाले मलिक को सोमवार को सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उन्हें कठुआ ज़िला जेल में रखा गया।
यह पहली बार है जब जम्मू कश्मीर में किसी मौजूदा विधायक को इस कड़े कानून के तहत हिरासत में लिया गया है। इस कानून के तहत कुछ मामलों में बिना किसी आरोप या सुनवाई के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को प्रतिबंधों का उल्लंघन करने की कोशिश की जिसके कारण सुरक्षाकर्मियों ने तीन जगहों पर लाठीचार्ज किया। झड़पों के दौरान महिलाओं समेत कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और कुछ को बाद में रिहा कर दिया गया।