Fake Cough Syrup: बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं नकली कफ सिरप, सेहत के हैं दुश्मन, इन बातों का रखें ध्यान

Fake Cough Syrup: मौसम बदलते ही सर्दी, खांसी जुकाम होना आम बात हो गई है। इससे निपटने के लिए हम बाजार से कफ सिरप खरीद लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस सिरप को आप ले रहे हैं। वो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में नकली और असली की कैसे पहचान करें। खरीदने से पहले इन बतों को जरूर ध्यान रखें

अपडेटेड Mar 08, 2023 पर 7:20 PM
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नकली कफ सिरप पीने से किडनी और लिवर को नुकसान पहुंच सकता है

Fake Cough Syrup: इन दिनों मौसमी बीमारियां होना आम बात हो गई है। मौसम बदलते ही सर्दी, जुकाम, खांसी शुरू हो जाती है। इससे निपटने के लिए कभी हम घरेलू उपचार करते हैं, तो कभी मेडिकल स्टोर से कफ सिरप भी खरीद लेते हैं। लेकिन आपकी जानकरी के लिए बता दें कि बाजार में इन दिनों नकली कफ सिरप धड़ल्ले से बिक रहे हैं। ये नकली कफ सिरप सेहत के दुश्मन हैं। इनसे किडनी और लिवर को भारी नुकसान पहुंच सकता है। लिहाजा कफ सिरप खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

हाल ही में हरियाणा के पलवल में नकली कफ सिरप के कारखाने (Haryana Fake Cough Syrup Factory) का भंडाफोड हुआ है। स्‍टेट नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने विंग्‍स कंपनी के ओनरेक्‍स की नकली कफ सिरप से भरी बोतलें बरामद की हैं। इन बोतलों में कोडीन फॉस्फेट मिलाया जा रहा था। यह किडनी और लिवर के लिए जहर के समान है। बता दें कि कोडीन फास्फेट पर बहुत पहले ही पाबंदी लगाई जा चुकी है।

जानिए क्या कोडीन फॉस्फेट राहत नहीं आफत है


यह दर्द और खांसी से राहत देने वाली दवाओं में पाया जाने वाला घटक (इनग्रीडिएंट) है। इसे हल्के नारकोटिक के तौर पर भी जाना जाता है। इसे अकेले या अन्य दवाओं के साथ मिलाकर भी दिया जाता है। शरीर में पहुंचने पर लिवर एक एंजाइम की मदद से इसे मॉर्फीन में बदल देता है। कई लोगों में इसके मॉर्फीन में तब्दील होने की गति बहुत तेज होती है। इसके कारण इनके खून में मॉर्फीन का लेवल तेजी से बढ़ जाता है जो मौत का कारण भी बन सकता है। इसकी कम डोज से ही नशा सा महसूस होने लगता है। कोडीन ब्रेन स्टेम के कफ सेंटर पर सीधा असर डालकर उन संकेतों को कमजोर कर देता है। जिसकी वजह से व्यक्ति खांसी के लिए तैयार होता है। हालांकि यह खांसी को कम नहीं करता है। इससे मामूली राहत मिलती है।

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सिरप खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

QR कोड जरूर देखें

असली दवाओं पर QR या यूनिक कोड प्रिंट किया जाता है। इस कोड को मोबाइल फोन से स्कैन कर दवा की मैन्युफैक्चरिंग डेट, लोकेशन और पूरी सप्लाई चेन की जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा अगर सिरप के कवर या सिरप पर यह कोड नहीं है तो वह नकली भी हो सकता है। नियम के मुताबिक 100 रुपये से ज्‍यादा कीमत वाली दवाओं पर बारकोड लगाना जरूरी होता है।

डेट और सील की करें जांच पड़ताल

कफ सिरप खरीदने से पहले उसकी मेन्‍यूफैक्‍चरिंग डेट्स और एक्‍सपायरी डेट जरूरचेक करें। कई बार नकली दवा भरकर बेचने वाले सिरप के ऊपर के डिस्क्रिप्‍शन को नहीं बदलते हैं। ऐसे में इससे सही-गलत का पता आसानी से चल सकता है। इसके अलावा सिरप की सील भी जरूर चेक करें।

MoneyControl News

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First Published: Mar 08, 2023 7:20 PM

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