Ganesh Chaturthi 2023: देश भर में गणेश उत्सव पूरे देश में धूमधाम से शुरू हो चुका है। 10 दिन के इस उत्सव को लोग उल्लास के साथ मनाते हैं। मुंबई के प्रसिद्ध लालबाग के राजा के दर्शन के लिए हर कोई जाना चाहता है। इस बीच दूसरे दिन वहां भगदड़ जैसी स्थिति देखी गई। बुधवार को भगवान गणेश की एक झलक पाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ ने एक-दूसरे को धक्का दिया और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें देखा जा रहा है कि भक्तों ने बैरियर तोड़ दिए हैं। वहीं स्वयंसेवक (volunteers) भीड़ को काबू में करने की कोशिश कर रहे हैं।
मुंबई के लागबाग के राजा देश के प्रमुख गणपति पंडाल में से एक हैं। यह मन्नतों के गणपति के नाम से मशहूर हैं। यहां लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। साल 1934 में लालबाग के राजा की स्थापना हुई। स्थानीय दुकानदारों और मछुआरों ने मिलकर लालबाग के राजा की स्थापना की। पीआर, विज्ञापन और मीडिया के प्रयोग को समझने में ‘लालबाग चा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल’ सबसे आगे है।
राजा से हुई प्रजा की पहचान
लालबाग इलाके में रहने वाले लोग गणेशोत्सव के दौरान पूरे 10 दिनों तक एक अलग ही अनुभव को जीते हैं। अपने घरों में आने-जाने के लिए भी स्थानीय निवासियों के लिए पहचान पत्र बनाने पड़ते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है रोजाना लाखों लोगों का आना जाना होता है। ऐसे में स्थानीय लोगों को इसका फायदा और नुकसान दोनों होता है। फायदा तो यही है कि अपने चहेते राजा तक पहुंचने के लिए उन्हें मन्नतों या मुख दर्शन की लाइन में नहीं लगना पड़ता। नुकसान ये भी है कि अगर पहचान पत्र खो जाए, तो वे लालबाग मार्केट में बने अपने घरों तक मुश्किल से पहुंच पाते हैं। लालबाद के राजा के दर्शन के लिए फिल्मी हस्तियों, दिग्गज नेता भी आते हैं।
ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी की शुरुआत 12वीं शताब्दी में महाराष्ट्र में हुई थी। इस त्योहार को मराठा राजा शिवाजी महाराज ने लोकप्रिय बनाया था। उन्होंने इस त्योहार की शुरुआत अपने लोगों को एकजुट करने और हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया था। शुरुआती दौर में इसे सिर्फ महाराष्ट्र में मनाया जाता था। लेकिन बाद में यह भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया। यह त्यौहार अब भारत, नेपाल, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।