Health Tips: आजकल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में इतना व्यस्त हो गए हैं कि अपने खाने-पीने का भी खयाल नहीं रह गया है। लाइफस्टाइल में भारी बदलाव आ गया है। यही वजह है कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है। स्ट्रेस और डिप्रेशन लोगों की जिंदगी पर कब्जा करता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक दुनिया भर में करीब 30 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान होना, किसी से बात नहीं करना, उस बात को मन में ले कर बैठना भी एक तरह से आपको डिप्रेशन की तरफ लेकर जा सकता है। डिप्रेशन की जकड़ में आने वाले व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है जैसे, पूरी भीड़ उसको देखकर हंस रही है।
डिप्रेशन का संबंध मनोविज्ञान में मन की भावनाओं से जुड़े दुखों से होता है। इसे रोग या सिंड्रोम माना जाता है। ज्यादातर मामलों में स्थिति तब ज्यादा गंभीर हो जाती है। जब इसका संबंध अधिकतर प्रेम प्रसंग और किसी काम को ना कर पाने से होता है। डिप्रेशन में व्यक्ति खुद को लाचार और निराश महसूस करता है। हालांकि, लोगों को डिप्रेशन का अनुभव कई अलग तरीकों से हो सकता है।
डिप्रेशन एक तरह से मूड डिसऑर्डर है जो लगातार उदासी और किसी भी चीज से कोई लगाव न होने के कारण होता है। डिप्रेशन कुछ दिनों की समस्या नहीं है, यह एक लंबी बीमारी है। इसका औसत समय 6-8 महीने होता है। कभी-कभार या कुछ समय के लिए उदासी, नाखुशी की भावना या निराश होना आम है। अगर यह लक्षण ज्यादा समय तक रहे तो चिंता का विषय हो सकते हैं। डिप्रेशन से गुजर रहे लोगों के लिए निराशा से उबराना कठिन होता है। उनके मन में असंतोष ज्यादा रहता है। उन्हें यकीन होने लगता है कि अब कुछ भी बेहतर नहीं होने वाला है। डिप्रेशन से जूझ रहे लोग अक्सर बिना किसी कारण के नाखुश महसूस करते हैं।
भले ही कितना भी थके हुए हो, लेकिन अगर डिप्रेशन से गुजर रहे हैं तो सोने में परेशानी हो सकती है। नींद के पैटर्न में बदलाव जैसे अनिद्रा या खूब नींद आना डिप्रेशन का एक लक्षण है।
डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में दूसरे के मुकाबले घबराहट और चिंता की संभावना अधिक महसूस होती है। बिना किसी खास कारण के ऐसा हो तो संभव है कि वह डिप्रेशन से गुजर रहा है।
डिप्रेशन से पीड़ित लोगों के साथ परिजनों को ज्यादा समय बिताना चाहि। उनका ध्यान रखना चाहिए। उनकी बातों को सुनें, उसका साथ दें। इससे उसका डिप्रेशन दूर होगा। डिप्रेशन से बचने के लिए डॉक्टर से बात करें। उन्हें अपनी सिचुएशन समझाएं। आप निगेटिव भावनाओं को खुद से दूर रखने की स्किल्स को सीख सकते हैं। सफेद रंग की रोशनी में खुद को रखने भर से आप न सिर्फ अपने मूड को अच्छा कर सकते हैं। बल्कि डिप्रेशन के लक्षणों से भी राहत पा सकते हैं। हफ्ते में तीन से पांच दिन 30 मिनट तक कसरत जरूर करें।