कोरोना वायरस की तरह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह चीते की रफ्तार से फैल रहा है। अब यह HMPV वायरस असम डिब्रूगढ़ में एक 10 साल के बच्चे को शिकार बना चुका है। असम में साल 2025 में यह पहला मामला है। बच्चे को सामान्य सर्दी की समस्या के चलते असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (AMCH) में भर्ती किया गया था। जांच के दौरान लाहोवाल स्थित ICMR-RMRC लैब में वायरस की पुष्टि हुई। AMCH के अधीक्षक ध्रुबज्योति भुयान ने बताया कि बच्चा फिलहाल स्थिर है और घबराने की जरूरत नहीं है।भुयान ने कहा कि 2014 से ऐसे मामलों की नियमित जांच की जा रही है।
HMPV कोई नया वायरस नहीं है, और सही देखभाल से इससे आसानी से निपटा जा सकता है। लोगों को साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए और बच्चों में लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। घबराने की बजाय सतर्क और जागरूक रहना जरूरी है।
डॉ. भुयान ने कहा कि बच्चे की हालत स्थिर है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह वायरस पांच साल तक के बच्चों में आमतौर पर देखा जाता है और इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 2014 से ऐसे मामलों की नियमित जांच के लिए आईसीएमआर को नमूने भेजे जाते हैं।
असम के स्वास्थ्य मंत्री अशोक सिंघल ने HMPV (ह्यूमन मेटाप्नूमोवायरस) के बारे में कहा कि यह कोई नया वायरस नहीं है और राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि HMPV को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। यह वायरस मुख्य रूप से छोटे बच्चों को प्रभावित करता है और इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी हुई है। ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
भारत में HMPV के अन्य मामले
2025 में अब तक भारत में HMPV (ह्यूमन मेटाप्नूमोवायरस) के 10 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें कर्नाटक के बेंगलुरु में 2, तमिलनाडु के चेन्नई में 2, गुजरात के अहमदाबाद में 2, महाराष्ट्र के नागपुर में 2 और मुंबई में 1 मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 3 मामलों की पुष्टि हुई है।
HMPV के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, जिनमें बुखार, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ शामिल है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस आमतौर पर गंभीर रूप नहीं लेता और सही देखभाल से मरीज जल्द ठीक हो सकता है। बच्चों में यह वायरस अधिक देखा जाता है, लेकिन समय पर इलाज और सावधानी से इसके प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
HMPV से संक्रमित होने पर क्या करें?
HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए सावधानी बरतना जरूरी है। बच्चों की सेहत पर विशेष ध्यान दें और सर्दी-जुकाम के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। साफ-सफाई का ध्यान रखें और बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ले जाने से बचें। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस गंभीर नहीं है और सही समय पर इलाज और देखभाल से इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। घबराने की बजाय सतर्क रहें और आवश्यक सावधानियां अपनाएं।