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इस जीव का खून है नीला, दुनिया में सबसे महंगा, 1 लीटर के दाम में मिल जाएगी शानदार कार

Horseshoe Crab Blood: दुनिया भर में कई तरह के जीव पाए जाते हैं। आमतौर पर जीवों का खून लाल रंग का होता है। लेकिन दुनिया में कई ऐसे जीव हैं। जिनके खून का रंग नीला, हरा, पीला भी होता है। ऐसे ही हॉर्सशू क्रैब का नाम का एक जीव है। इसके खून का रंग नीला होता है और इसकी कीमत करीब 12 लाख रुपये प्रति लीटर है

अपडेटेड Sep 16, 2024 पर 1:00 PM
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Horseshoe Crab Blood: हॉर्सशू क्रैब के खून की कीमत करीब 12 लाख रुपये लीटर है। इससे भारत में एक चमचमाती कार मिल जाएगी।

धरती पर जिंदा रहने के लिए हर जीवित प्राणी को भी ऑक्सीजन और खून की जरूरत होती है। इंसानों में कई तरह का ब्लड ग्रुप पाया जाता है। कुछ ब्लड ग्रुप बहुत रेयर होते हैं, जो आसानी से नहीं मिलते हैं। ऐसे में इंमरजेंसी में ये ब्लड बहुत महंगे दाम पर बिकता है। वहीं आज हम एक ऐसे जीव के बारे में बता रहे हैं, जिसका खून दुनिया में सबसे महंगा है। इसकी कीमत सुनकर हैरान हो जाएंगे। इस जीव के खून के 1 लीटर में आराम से आपको चमचमाती कार मिल जाएगी। इस जीव का नाम हॉर्सशू क्रैब है।

दुनिया भर में आमतौर पर जीवों के खून का रंग लाल होता है। लेकिन कुछ ऐसे जीव हैं, जिनका खून लाल, नीला, हरा और पीला भी होता है। ऐसे ही हॉर्सशू क्रैब का खून का रंग लाल नहीं, बल्कि नीला होता है। यह एक खास किस्म का केकड़ा है।

हॉर्सशू क्रैब का खून आखिर महंगा क्यों?


हॉर्सशू क्रैब का नाम घोड़े की नाल के आकार की वजह से पड़ा है। इसे डायनासोर से भी पुराना जीव बताया जाता है। यह करीब 45 करोड़ सालों से धरती पर मौजूद है। इनके खून का रंग नीला होता है। इसमें हीमोसायनिन नाम का रेस्पिरेटरी पिगेंट पाया जाता है। इस पिगमेंट में तांबा होता है, जो इसे नीला रंग का होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक लीटर हॉर्सशू केकड़े के खून की कीमत 15,000 डॉलर है। यानी करीब 12 लाख रुपये बताई जा रही है। इसके खून में एक खास तत्व पाया जाता है। जिससे दवाओं और इंजेक्शन में बैक्टीरिया की पहचान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके खून को स्टोर करके रखा जाता है।

हॉर्सशू क्रैब कहां पाए जाते हैं? 

हॉर्सशू क्रैब का खून सबसे ज्यादा मेडिकल सेक्टर में किया जाता है। मैरीलैंड वेबसाइट के मुताबिक इस जीव के खून में एक प्रोटीन होता है। जिसे लिमुलस अमीबोसाइट लाइसेट (एलएएल) कहा जाता है। इसका इस्तेमाल दवा और मेडिकल उपकरण की टेस्टिंग में किया जाता है। ये बैक्टीरियल पदार्थ इंसान को बुखार पैदा कर सकते हैं और मनुष्यों के लिए घातक भी हो सकते हैं। ये जीव अमेरिका में एटलांटिक ओशन के तट पर मिलते हैं। इन जीवो के ब्लीडिंग प्रोसेस के बाद 10 से लेकर 30 फीसदी केकड़े जिंदा नहीं बच पाते हैं।

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