Covid-19 से कितना अलग है HMPV? कैसे फैलता है ये वायरस और क्या है इसका इलाज, जानें सबकुछ

HMPV News: शुरुआती तौर पर ये सामने आया था कि इस नई बीमारी के लक्षण करीब-करीब पिछली महामारी कोरोनावायरस से मिलते-जुलते हैं। तो चलिए जानते हैं कि ये नया वायरस पुराने Covid-19 से कितना अलग है या दोनों में कोई समानताएं हैं, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं HMP वायरस के लक्षण, इसका इलाज और चीन से कैसे फैला...

अपडेटेड Jan 06, 2025 पर 3:55 PM
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HMPV Virus: ऐसा कहा जा रहा है कि Covid-19 की तरह ये वायरस भी चीन से आया है

भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी HMPV के दो मामलों की पुष्टि हुई है। बेंगलुरु के एक अस्पताल में तीन महीने और आठ महीने के बच्चों में यह वायरस पाया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि Covid-19 की तरह ये वायरस भी चीन से आया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इन दो केस की पुष्टि करते हुए बताया कि इन दोनों बच्चों और उनके माता-पिता की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली है। कर्नाटक हेल्थ डिपार्टमेंट ने आठ महीने के बच्चे के मामले की पुष्टि की है, जिसमें कहा गया है कि बच्चे का मेडिकल टेस्ट पॉजिटिव आया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने वायरस को लेकर अधिकारियों के साथ इमरजेंसी बैठक भी की।

शुरुआती तौर पर ये सामने आया था कि इस नई बीमारी के लक्षण करीब-करीब पिछली महामारी कोरोनावायरस से मिलते-जुलते हैं। तो चलिए जानते हैं कि ये नया वायरस पुराने Covid-19 से कितना अलग है या दोनों में कोई समानताएं हैं, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं HMP वायरस के लक्षण, इसका इलाज और चीन से कैसे फैला...

क्या है HMPV?


US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, सबसे पहले साल 2001 में HMPV न्यूमोविरिडे वायरस की पहचान की गई थी और ये वायरस इसी फैमली का है, जिसमें रेस्पिरेटरी सिंसेशियल वायरस (RSV) भी शामिल है। यह वायरस आमतौर पर अपर और लोअर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन पैदा करता है, जिसके लक्षण सर्दी या फ्लू जैसे होते हैं।

वैसे तो HMPV किसी को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन CDC के अनुसार, यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी पावर वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। एक रिसर्च से पता चलता है कि यह वायरस कम से कम छह दशकों यानी करीब 60 सालों से फैला रहा है और अब इसे दुनियाभर में एक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के रूप में पहचाना जाता है।

कैसे फैलता है ये वायरस?

HMPV आमतौर से खांसने और छींकने के दौरान निकलने वाली रेस्पीरेटरी ड्रॉपलेट यानी बूंदों के जरिए फैलता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के नजदीक आने या दूषित वातावरण के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है।

चीन के CDC वेबसाइट के अनुसार, HMPV का इंफेक्शन पीरियड ​​तीन से पांच दिन का होता है। यानी इतने दिनों में किसी भी संक्रमित व्यक्ति से वायरस किसी दूसरे में फैल सकता है।

एक गंभीर बात ये भी है कि HMPV एक बार होने के बाद दोबारा भी हो सकता है। वैसे तो HMPV को मामले हर मौसम में देखने को मिल सकते हैं, लेकिन यह सर्दियों और वसंत के महीनों में सबसे ज्यादा फैलता है।

क्या हैं HMPV के लक्षण?

- ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस अक्सर सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है, लेकिन कुछ लोग गंभीर रूप से भी बीमार हो सकते हैं।

- छोटे बच्चों में गंभीर बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है। पहली बार HMPV होने पर आपके गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है।

- शुरुआती इंफेक्शन के बाद, आपके शरीर में कुछ इम्युनिटी विकसित हो जाती है, जिससे अगर आप दोबारा HMPV से संक्रमित होते हैं, तो आपको हल्के, सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होने का खतरा बढ़ जाता है।

- 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों, सांस से जुड़ी समस्याओं वाले व्यक्तियों और कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों में भी गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं।

- इसके सामान्य लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बहना, गले में खराश, घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ (डिस्पेनिया) और चकत्ते होना शामिल हैं।

- HMPV के कारण कभी-कभी ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, अस्थमा और कान में इंफेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

HMPV का इलाज क्या है?

HMPV का डायग्नोज आमतौर पर डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों के आधार पर ही कर पाते हैं। वे एक स्वाब का इस्तेमाल करके आपके गले या नाक से एक सैंपल लेते हैं। सैंपल की वायरस और दूसरी बीमारियों के लिए लैब में जांच की जाती है। केवल गंभीर लक्षण वाले लोग ही HMPV के लिए टेस्ट करवा सकते हैं।

डॉक्टर कभी-कभी फेफड़ों की जांच के लिए ब्रोंकोस्कोपी या छाती का एक्स-रे भी कर सकते हैं। इस बीमारी का इलाज एंटीवायरल दवाओं से नहीं किया जा सकता। जब तक वे बेहतर महसूस नहीं करते, तब तक ज्यादातर लोग अपने डॉक्टर की सलाह पर दवा लेकर घर पर रह कर ही इसका ट्रीटमेंट करा सकते हैं। फिलहाल, इसके लिए किसी भी वैक्सीन की सिफारिश नहीं की गई है।

अगर आप या आपका बच्चा बहुत बीमार है, तो आपको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। तब मरीजों का कुछ एक तरीकों से ट्रीटमेंट किया जा सकता है:

ऑक्सीजन थेरेपी: अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर आपको ज्यादा ऑक्सीजन देने के लिए आपके चेहरे पर मास्क या नाक में एक ट्यूब के जरिए ये थेरेपी दे सकते हैं।

इंट्रावेनस फ्लूइड: आपको इंट्रावेनस (IV) के जरिए से फ्लूइड देकर हाइड्रेटेड रखा जा सकता है।

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: स्टेरॉयड सूजन को कम करके आपके कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान:

CDC HMPV और दूसरे रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के खतरों को कम करने के लिए ये उपाय करने की सलाह देता है:

- हाथों को अक्सर साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।

- अपने चेहरे को गंदे हाथों से छूने से बचें।

- प्रकोप के दौरान भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें।

- वायरस को फैलने से रोकने के लिए अस्वस्थ होने पर घर पर रहें।

- अक्सर छुई जाने वाली जगहों को नियमित रूप से साफ करें।

HMPV और Covid-19 की तुलना कैसे की जा सकती है?

WebMD के अनुसार, HMPV और Covid-19 में कई समानताएं हैं, क्योंकि दोनों ही खांसी, बुखार, कंजेशन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी सांस से जुड़ी संबंधी समस्याओं का कारण होते हैं और दोनों ही रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट के जरिए फैलते हैं।

साइंस डायरेक्ट के अनुसार, Covid-19 तापमान को लेकर संवेदनशील है और इसलिए ये मौसमी है। CDC का कहना है कि इसी तरह, HMPV अलग-अलग मौसमों में फैलता है। हालांकि, HMPV का पता पूरे साल लगाया जा सकता है, लेकिन अमेरिका में आमतौर पर सर्दियों के अंत से लेकर वसंत की शुरुआत तक इसके मामले चरम पर होते हैं।

स्टडी से पता चलता है कि Covid-19 प्रतिबंध हटाए जाने के बाद कुछ इलाकों में HMPV के मामले तीन गुना बढ़ गए। लॉकडाउन के दौरान वायरस के संपर्क में कमी ने शायद इम्युनिटी को कमजोर कर दिया, जिससे सावधानियों में ढील दिए जाने के बाद रेस्पिरेटरी इंफेक्शन में इजाफा हुआ।

अभी चीन के कैसे हैं हालात?

चीन इस समय HMPV के प्रकोप का सामना कर रहा है और सोशल मीडिया पर वीडियो में देखा जा सकता है कि कथित तौर पर अस्पतालों में भीड़ बढ़ रही है। बच्चों को IV ड्रिप लगाई जा रही हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने दूसरे एशियाई देशों में भी HMPV को लेकर चिंता जताई है।

फिलहाल, WHO ने HMPV को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है, लेकिन लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते अधिकारियों ने अपनी निगरानी बढ़ा दी है।

चीन के पड़ोसी देशों का क्या है हाल?

हांगकांग में HMPV के कुछ मामले सामने आए हैं। कंबोडिया और ताइवान स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। कंबोडिया ने HMPV के बारे में चेतावनी जारी की है, जिसमें इसे Covid-19 और इन्फ्लूएंजा जैसे ही बताया गया है।

ताइवान के CDC ने कहा है कि बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी व्यक्तियों के लिए इस वायरस का खतरा ज्यादा है।

स्ट्रेट टाइम्स के अनुसार, मलेशिया में 2024 में HMPV के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है, जिसमें 327 मामले सामने आए हैं, जो 2023 में 225 मामलों से 45% ज्यादा हैं।

मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से HMPV के प्रसार को रोकने के लिए निवारक उपाय अपनाने का आग्रह किया है। जापान भी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है, जापान ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के अनुसार, इन्फ्लूएंजा के प्रकोप के कारण जापान में पहले से ही हज़ारों मामले सामने आ चुके हैं, 15 दिसंबर, 2024 तक के हफ्ते में 94,259 फ्लू मरीजों की रिपोर्ट की गई है।

करीब पांच साल बाद फिर किसी वायरस ने पूरी दुनिया को दहशत में डाल दिया है। तब पहली बार चीन के वुहान में नोवेल कोरोना वायरस के मामले सामने आए थे, जो बाद में वैश्विक महामारी बन गई और देखते ही देखते उसने करीब 70 लाख लोगों की जान ले ली।

HMPV Virus पिछले 20-25 सालों में खतरनाक नहीं हुआ, डरने की नहीं, सजग रहने की जरूरत - डॉ संजय राय, AIIMS

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First Published: Jan 06, 2025 3:10 PM

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