Diabetes एक क्रॉनिक रोग है. जिसमें शरीर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में नहीं रख पाता है। ब्लड शुगर बढ़ने की वजह से कई समस्याएं हो सकती हैं। इसमें दिल की बीमारियां और किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। ब्लड शुगर (Blood Sugar) को मेंटेन रखना डायबिटीज (Diabetes) में बहुत मुश्किल होता है। कई बार डायबिटीज ऐसी बिगड़नी शुरू होती है कि उसे कंट्रोल करने में इंसुलिन या दवा तक फेल होने लगती है। इसके लिए मरीजों को अपनी लाइफ स्टाइल और खानपान पर खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है। वहीं हम कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं। जनका पालन करने से आपका ब्लड शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल रहेगा।
एक बार डायबिटीज हो जाए, तो इसे पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल हो जाता है। इसमें शरीर में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता है। इंसुलिन सही से नहीं बनता है, तो मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होता है। इंसुलिन ब्लड से कोशिकाओं में ग्लूकोज लेवल का संचार करता है। ऐसे में आप डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं। डायबिटीज होने का मुख्य कारण शरीर में इंसुलिन की कमी है।
हेल्दी डाइट लें और रोजाना करें एक्सरसाइज
डायबिटीज के मरीजों को हर 2-3 घंटे में कुछ ना कुछ खाने की आदत डालनी चाहिए। ताकि शुगर लेवल रेंज में रहे। लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स से भरपूर चीजों का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए। इसमें आप साबुत अनाज, ओट्स, ब्राउन राइस का सेवन करें। अधिक जंक फूड्स, सफेद चावल, नूडल्स, व्हाइट ब्रेड का सेवन कम से कम करें। इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। एक्सरसाइज भी नियमित रूप से करना चाहिए। एक्सरसाइज करने से पहले और बाद में ब्लड शुगर लेलव जरूर चेक कर लें। बहुत अधिक या बहुत कम शुगर लेवल होने पर एक्सरसाइज भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल को करें कंट्रोल
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से आपको हार्ट से जुड़ी कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। इससे स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल होने से आपको डायबिटिक डिस्लिपिडेमिया होने की आशंका बढ़ सकती है। इससे आर्टरीज ब्लॉकेज, कोरोनरी से संबंधित जटिलताएं हो सकती हैं। ऐसे में आप सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैंट्स से भरपूर चीजें जैसे पिज्जा, बर्गर, तली-भुनी चीजें, स्नैक्स का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। इससे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का खतरा बना रहता है। डायबिटीज में गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जाता है और ट्राइग्लिसराइड, बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है।
डायबिटीज की वजह से तंत्रिकाओं (nerves) को नुकसान पहुंचने से पैरों की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अपने पैरों का खास ख्याल रखना चाहिए। आरामदायक जूते पहनें, पैरों में चोट या इन्फेक्शन हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। कहा भी जाता है कि आपको अपने पैरों का भी उतना ही ख्याल रखना चाहिए जितना आप अपने चेहरे का ध्यान रखते हैं।