IAS Officer: पूरी दुनिया में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन एग्जाम (UPSC Exam) को सबसे कठिन एग्जाम में से एक माना जाता है। वहीं भारत में इसे सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है। उम्मीदवार इसी एग्जाम को पास करने के बाद ही आईएएस(IAS), आईपीएस(IPS) या IRS जैसे पदों पर पोस्ट होते हैं। हालांकि इन सभी अधिकारियों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा IAS को लेकर होती है। इस परीक्षा की तैयारी करने वाले ज्यादातर युवा का सपना होता है कि, वे हाई रैंक से परीक्षा को क्रैक कर IAS बनें। इन पोस्ट की लोकप्रियता के पीछे सबसे बड़ी वजह इनमें मिलने वाली पावर है।
बता दें कि आईएएस जिले से लेकर, राज्य और केन्द्र स्तर पर सबसे बड़े कार्यकारी अधिकारी होते हैं। आईएएस अधिकारी का चयन UPSC के एग्जाम में मिले उनके रैंक के अनुसार होता है। इस एग्जाम में टॉप रैंक वालों को IAS पोस्ट मिलता है, लेकिन कई बार टॉप रैंक पाने वालों का प्रेफरेंस IPS या IFS होता है तो निचले रैंक वालों को भी IAS की पोस्ट मिल सकती है। इसके बाद की रैंक वालों को आईपीएस और आईएफएस पोस्ट मिलती है।
देश भर के IAS किसे करते हैं रिपोर्ट?
IAS में सबसे बड़ा पद कैबिनेट सेक्रेटेरी का होता है। यह भारत सरकार में सर्वोच्च रैंकिंग कार्यकारी अधिकारी होते हैं। केन्द्र स्तर पर यही IAS अधिकारी के बॉस माने जाते हैं। कैबिनेट सेक्रेटेरी सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। मौजूदा समय में भारत के कैबिनेट सेक्रेटेरी राजीव गौबा हैं। वहीं राज्य स्तर पर कैबिनेट सेक्रेटेरी की तरह ही चीफ सेक्रेटेरी सबसे बड़े अधिकारी होते हैं। ये राज्य में कार्यरत सबसे अनुभवी और वरिष्ठ IAS होते हैं। यही राज्य स्तर पर IAS अधिकारियों के हेड माने जाते हैं। IAS अधिकारी की पहली पोस्टिंग सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के तौर पर होती है। इसके बाद उन्हें जिला मजिस्ट्रेट और उपायुक्त के पोस्ट पर प्रमोशन मिलता है। केंद्र और राज्य सचिवालय के पदों पर IAS अधिकारियों की जरूरत होती है, जो PSU प्रमुख के रूप में काम करते हैं।
IAS ऑफिसर की जिम्मेदारी और पावर
एक IAS ऑफिसर का कोई ड्रेस कोड नहीं होता और वे फॉर्मल ड्रेस में रह कर काम करते हैं। उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रस्ताव बनाने की आवश्यकता होती है। उन्हें सभी नीतियों को लागू करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए कार्यकारी शक्तियां दी जाती हैं। एक IAS ऑफिसर जिलाधिकारी के रूप में काफी ज्यादा पावरफुल होता है। एक IAS के पास जिले के सभी विभाग की जिम्मेदारी होती है। वह जिलाधिकारी के रूप में पुलिस विभाग के साथ साथ अन्य विभागों का भी मुखिया होता है।
जिले की पुलिस व्यवस्था की जिम्मेदारी भी जिलाधिकारी के पास ही होती है। जिले में निषेधाज्ञा, धारा 144 इत्यादि लॉ एंड आर्डर से जुड़े सभी निर्णय एक डीएम ही लेता है। भीड़ पर कार्रवाई करने या फायरिंग जैसे आर्डर भी डीएम दे सकता है।