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Independence Day 2022: पीएम मोदी ने आजादी के अमृत काल में ‘पंच प्रण’ के संकल्प का किया आह्वान, ये हैं 5 प्रण

भारत आज ही के दिन 1947 में आजाद हुआ था और उसने 2022 में आजाद देश के रूप में 75 साल की यात्रा पूरी कर ली है। सरकार की ओर से अगले 25 साल के कालखंड को ‘अमृत काल’ का नाम दिया गया है

अपडेटेड Aug 15, 2022 पर 10:28 AM
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PM मोदी ने कहा कि हमें 'पंच प्रण' को लेकर 2047 तक चलना है

Independence Day 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अगले 25 साल की यात्रा को देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण करार दिया। पीएम मोदी ने इस ‘अमृत काल’ में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के पांच प्रण का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का 76वां स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक दिन है और यह पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का शुभ अवसर है। देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों और भारतीयों को आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई दी।

पारंपरिक कुर्ता और चूड़ीदार पायजामे के ऊपर नीले रंग का जैकेट तथा तिरंगे की धारियों वाला सफेद रंग का साफा पहने प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं, अगले 25 वर्ष हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।


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उन्होंने कहा कि जब वह 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को देखते हैं और उनके संकल्पों की अनुभूति करते हैं तो आने वाले 25 साल के लिए देश को ‘पंच प्रण’ पर अपनी शक्ति, अपने संकल्पों और अपने सामर्थ्य को केंद्रित करना है।

ये हैं 5 प्रण

पीएम मोदी ने कहा कि हमें पंच प्रण को लेकर 2047 तक चलना है। जब आजादी के 100 साल होंगे, आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरा करने का जिम्मा उठा करके चलना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत को पहला प्राण बताया और कहा कि इससे कुछ कम नहीं होना चाहिए।

गुलामी की हर सोच से मुक्ति पाने को उन्होंने दूसरा प्राण बताया और कहा कि गुलामी का एक भी अंश अगर अब भी है, तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है। उन्होंने कहा कि इस सोच ने कई विकृतियां पैदा कर रखी है, इसलिए गुलामी की सोच से मुक्ति पानी ही होगी।

प्रधानमंत्री ने विरासत पर गर्व करने को तीसरा प्राण बताया और कहा कि यही वह विरासत है जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया है। उन्होंने एकता और एकजुटता को चौथा प्राण और नागरिकों के कर्तव्य को पांचवां प्रण बताया।

उन्होंने कहा कि जब सपने बड़े होते हैं... जब संकल्प बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ भी बहुत बड़ा होता है। शक्ति भी बहुत बड़ी मात्रा में जुट जाती है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज जब अमृत काल की पहली प्रभात है, हमें इस 25 साल में विकसित भारत बना कर ही रहना है। अपनी आंखों के सामने इसे कर के दिखाना है।

आज ही आजाद हुआ था भारत

बता दें कि भारत 1947 में आजाद हुआ था और उसने 2022 में आजाद देश के रूप में 75 साल की यात्रा पूरी कर ली है। सरकार की ओर से अगले 25 साल के कालखंड को ‘अमृत काल’ का नाम दिया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व भारत की तरफ गर्व से देख रहा है और उसे अपेक्षा से देख रहा है तथा समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर खोजने लगा है। उन्होंने कहा कि विश्व की सोच में यह परिवर्तन भारत की 75 साल की यात्रा का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि आज का यह दिवस ऐतिहासिक है। यह एक पुण्य पड़ाव, एक नयी राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का शुभ अवसर है। इससे पहले, पीएम मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री लगातार नौवीं बार स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री ने जैसे ही तिरंगा फहराया, वैसे ही दो एम आई 17 वन वी हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।

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