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भारत ने Tapentadol और Carisoprodol पर लगाया बैन, अफ्रीका में ओपिओइड संकट के कारण दवाओं के उत्पादन और निर्यात रोक

India bans dangerous opioid combo: टेपेंटाडोल (Tapentadol) एक ओपिओइड दवा है। इसका उपयोग मध्यम से गंभीर दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। जबकि कैरीसोप्रोडोल (Carisoprodol) मांसपेशी को आराम देने वाली एक दवा है। इसे दर्द से राहत दिलाने के लिए मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के केंद्रों पर काम करती है

अपडेटेड Feb 23, 2025 पर 10:29 PM
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India bans dangerous opioid combo: भारत सरकार ने ओपिओइड दवाओं के निर्यात और निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के लिए तेजी से कदम उठाया है

India bans dangerous opioid combo: भारत सरकार ने खतरनाक ओपिओइड दवाओं टैपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल के निर्यात एवं निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने‌ विवादास्पद टैपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल के उत्पादन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। शीर्ष अथॉरिटी ने दर्द निवारक दवाओं के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दी है।

यह कदम दवाओं से संबंधित खबरों के आधार पर उठाया गया। BBC कि रिपोर्ट में कहा गया था कि पश्चिम अफ्रीकी देशों को निर्यात की जाने वाली Tapentadol और Carisoprodol जैसी खतरनाक दवाओं के कारण वहां ओपिओइड संकट उत्पन्न हो रहा है। इन दर्द निवारक दवाओं का मादक पदार्थों के तौर पर नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने का खतरा रहता है।

बीबीसी न्यूज की जांच में पश्चिम अफ्रीका के कुछ हिस्सों में इन दवाओं के व्यापक दुरुपयोग का खुलासा हुआ था। ये दवाएं अत्यधिक नशे की लत वाले युवा इस्तेमाल करते हैं। घाना, नाइजीरिया और कोटे डी आइवर जैसे देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से जुड़ी हैं। मुंबई स्थित कंपनी द्वारा इन दवाओं की अवैध रूप से निर्यात की गई हैं।


भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने एक पत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रण प्राधिकरणों से सभी निर्यात NOC और दोनों दवाओं के सभी संयोजनों के निर्माण की अनुमति वापस लेने को कहा है।

टेपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल दोनों को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने देश में इन दवाओं के उत्पादन के अप्रूवल नहीं दिया है। इसके अलावा, वे भारत में एनडीपीएस औषधियों की लिस्ट का हिस्सा नहीं हैं।

डीसीजीआई की तरफ से शुक्रवार को भेजे गए पत्र में कहा गया है, "यह बीबीसी के एक हालिया आर्टिकल के संबंध में है, जिसमें लिखा गया है कि टेपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल के संयोजन वाली दवा के दुरुपयोग की काफी संभावना है। इस संयोजन को भारत से पश्चिम अफ्रीकी देशों में निर्यात किया जा रहा है।"

लोगों पर इसके हानिकारक प्रभाव की संभावना को देखते हुए डीसीजीआई ने टेपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल के लिए जारी सभी निर्यात एनओसी और मैन्युफैक्चरिंग की अनुमति को तत्काल वापस लेने का अनुरोध किया है।

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टेपेंटाडोल एक ओपिओइड दवा है। इसका उपयोग मध्यम से गंभीर दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। जबकि कैरीसोप्रोडोल मांसपेशी को आराम देने वाली एक दवा है। इसे दर्द से राहत दिलाने के लिए मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के केंद्रों पर काम करती है।

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