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India's Got Latent Row: 'स्क्रिप्टेड नहीं है शो' अपूर्व मखीजा और आशीष चंचलानी ने मुंबई पुलिस को क्या कुछ बताया?

India's Got Latent Row: उन्होंने कहा कि इंडियाज गॉट लेटेंट शो जजों को भुगतान नहीं करता है। हालांकि, उन्हें शो के बारे में अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की सलाह दी जाती है। इस शो में बतौर दर्शक हिस्सा लेने के लिए टिकट खरीदना होता है। टिकट बिक्री से जो पैसा आता है वह शो के विजेता को दिया जाता है

अपडेटेड Feb 12, 2025 पर 8:35 PM
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India's Got Latent Row: अपूर्व मखीजा और आशीष चंचलानी ने मुंबई पुलिस के सामने दर्ज कराए बयान

समय रैना के 'इंडियाज गॉट लेटेंट' शो से जुड़े अभद्र टिप्पणी मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अपूर्व मखीजा और यूट्यूबर आशीष चंचलानी ने बुधवार को मुंबई पुलिस के सामने अपने बयान दर्ज कराए। दोनों पॉपुलर इन्फ्लुएंसर ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि यह शो स्क्रिप्टेड नहीं है। उन्होंने बताया कि शो में जजों और प्रतिभागियों को खुलकर बात करने के लिए कहा जाता है। उन्होंने कहा कि इंडियाज गॉट लेटेंट शो जजों को कोई पैसा नहीं देता है। हालांकि, उन्हें शो के कंटेंट को अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की आजादी है।

ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इंडियाज गॉट लेटेंट शो जजों को भुगतान नहीं करता है। हालांकि, उन्हें शो के बारे में अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की सलाह दी जाती है। इस शो में बतौर दर्शक हिस्सा लेने के लिए टिकट खरीदना होता है। टिकट बिक्री से जो पैसा आता है वह शो के विजेता को दिया जाता है।

खार पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, मखीजा और रणवीर इलाहाबादिया के मैनेजर सहित चार लोगों के बयान दर्ज किए गए, लेकिन इलाहाबादिया का बयान रिकॉर्ड नहीं किया गया। महाराष्ट्र साइबर विभाग ने मंगलवार को शो के खिलाफ FIR दर्ज की।


विवाद सामने आने के बाद महाराष्ट्र भाजपा के उत्तर भारतीय मोर्चा के पदाधिकारी नीलोत्पल मृणाल पांडे ने सोमवार को इलाहाबादिया और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

शो में आए रणवीर इलाहाबादिया ने भी कुछ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया। बाद में उन्होंने एक वीडियो माफीनामा जारी करके स्थिति को शांत करने की कोशिश की, जहां उन्होंने अपनी टिप्पणी को "निर्णय में चूक" कहा, लेकिन मुद्दा खत्म होने से इनकार कर रहा है।

यह मुद्दा संसद में शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने उठाया था, जिन्होंने सोशल मीडिया को रेगुलेट करने के लिए एक कानून बनाने की मांग की थी।

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