इजराइल पर किए गए हमास के हमले के बाद अब भारत सरकार भी इससे सीख लेते हुए बड़ी तैयारी कर रही है। इजराइल पर हमास जैसे अचानक हमले भारत पर ना हों इससे बचने के लिए भारत चीन और पाकिस्तान के साथ अपनी सीमाओं पर ड्रोन से लैस एक निगरानी सिस्टम तैनात करने की प्लानिंग कर रहा है। फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर एक भयानक हमले को अंजाम दिया था। हमास ने इजराइल पर गाजा पट्टी की तरफ से हजारों रॉकेट दागे थे। इसके ठीक एक दिन बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान किया था।
कई सारे लोगों की गई है जान
लगभग 20 दिनों की इस लड़ाई के दौरान जहां अभी तक हजारों इजराइली और फिलिस्तीनी और इजराइली नागरिकों की जानें जा चुकी हैं। वहीं गाजा पट्टी से तो लगभग 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के हवाले से मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि रक्षा अधिकारियों ने पिछले हफ्ते निगरानी और टोही ड्रोन के छह घरेलू सेलर्स से बात-चीत और मुलाकात की है। अगले महीने तक इससे जुड़ा ऐलान होने की उम्मीद की जा सकती है।
पहले करना पड़ा है अचानक हमलों का सामना
पिछले इतिहास में भारत को पड़ोसी देशों की तरफ से अचानक हमलों का सामना करना पड़ा है। साल 2008 में भारत पर अभी तक का सबसे दर्दनाक, घातक और आकस्मिक हमले का सामना करना पड़ा था। जब आतंकवादियों ने मुंबई में अचानक से हमला किया था और 166 लगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस बीच, दक्षिण कोरिया की सेना ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर कोरिया की तरफ से संभावित हमास स्टाइल के अचानक तोपखाने हमलों का जवाब देने के लिए तैयार रहने के लिए दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सैनिकों ने भी इस हफ्ते लाइव-फायर अभ्यास किया। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को शुरू हुए इस सैन्य अभ्यास में 5,400 दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सैनिक, 300 तोपखाने सिस्टम, 1000 गाड़ियां और एयरफोर्स भी शामिल थी।