देश में हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन भारतीय नौसेना की ताकत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ये दिन भारतीय नौसेना की वीरता, देश की देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में उसकी भूमिका के प्रति समर्पण करने का प्रतीक है। भारतीय नौसेना, भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में मिली विजय को हर साल इंडियन नेवी डे के रूप में मनाती है। 4 दिसंबर 1971 को नौसेना ने एक ऑपरेशन ट्राइडेंट के जरिये पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था। इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शीप मिसाइल का भी इस्तेमाल किया गया था।
यह युद्ध 7 दिनों तक चला था। जिसमें भारतीय नौसेना ने विजय का परचम फहराया था। जिसके बाद से 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। जानकारी के मुताबिक इस मिशन में भारतीय नौसेना का नेतृत्व कमोडोर कासरगोड पट्टनशेट्टी गोपाल राव ने किया था।
ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी नौसेना की स्थापना
भारतीय नौसेना की स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1612 में की थी। 1934 में इसकी रॉयल इंडियन नेवी के रूप में स्थापना की गई थी। तब इसे समुद्री सेना कहा जाता था। भारत की आजादी के बाद साल 1950 में फिर से नौसेना का गठन किया गया और इसे भारतीय नौसेना का नाम दिया गया। वाईस एडमिरल रामदास कटारी को 22 अप्रैल 1958 को पहला भारतीय सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
कब अस्तित्व में आई भारतीय नौसेना?
पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर भारतीय नौसेना ने हमला किया था। बिना नुकसान के जीत हासिल की। भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर बम बरसाकर उसे नष्ट कर दिया था। इस युद्ध को भारत-पाकिस्तान युद्ध के रूप में भी जानते हैं। इस युद्ध में बांग्लादेश ने पाकिस्तान से अलग होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा हासिल किया था।
भारतीय नौसेना दुनिया की टॉप 10 नौसेना में से एक है। दुनिया में इसका स्थान सातवें नंबर पर है। मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले के बाद भारतीय नौसेना ने सागर प्रहरी बल का गठन किया गया। आईएनएस विक्रांत भारत का पहला विमान वाहक पोत था। इसे ब्रिटेन के रॉयल नेवी से 1957 में खरीदा गया था। भारतीय नौसेना अकादमी केरल के कन्नूर के एझिमाला में है, जो एशिया की सबसे बड़ी नौसेना अकादमी है।