Indian Railways: स्लीपर के टिकट पर AC में कर सकते हैं सफर, बुकिंग के समय करना होगा ये काम

Indian Railways: भारतीय रेलवे यात्रियों को एक ऐसी स्पेशल सुविधा मुहैया कराती है. जिसमें आप स्लीपर के टिकट पर AC कोच में सफर कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको टिकट बुक करने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। आइए जानते हैं कि कैसे स्लीपर के टिकट में एसी कोच में यात्रा कर सकते हैं

अपडेटेड Feb 13, 2024 पर 4:19 PM
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Indian Railways: रेलवे ऑफलाइन और ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक कराते समय ऑटो अपग्रेडेशन का विकल्प मुहैया कराता है।

Indian Railways: ट्रेन में यात्रा (Railway Travel) करते हैं तो आपको इस स्कीम (Railway Scheme) की जानकारी होनी चाहिए। रेलवे (Ministry of Railways) में ऑटो अपग्रेडेशन नाम की एक स्कीम (Auto Upgradation Scheme) है। इसमें यात्रियों को टिकट लेने वाले क्लास से एक क्लास उपर अपग्रेड (Upgrade) कर दिया जाता है। मतलब कि अगर किसी यात्री ने स्लीपर क्लास (Sleeper Class) में टिकट लिया है तो उसे फ्री में थर्ड एसी में अपग्रेड कर दिया जाता है। वहीं अगर थर्ड एसी का टिकट लिया है तो उन्हें 2एसी में अपग्रेड कर दिया जाता है।

वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रेन में यात्रा करने के लिए तीन तरह के डिब्बे यानी कोच होते हैं। जिनमें जनरल कोच, स्लीपर कोच और एयर कंडीशनर कोच शामिल है। तीनों तरह के कोच में सबसे बड़ा अंतर यह है कि आप नॉर्मल टिकट से जनरल कोच में यात्रा कर सकते हैं। जबकि स्लीपर और एसी के लिए आपको रिजर्वेशन कराना पड़ता है।

स्लीपर के टिकट से ऐसे करें AC में सफर


रेलवे की ओर से ऑटो अपग्रेडेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती है। हांलांकि यात्रियों को टिकट बुक कराते समय इसका ऑप्शन चुनना होता है। अगर आप ऑटोअपग्रेडेशन के ऑप्शन को चुनते हैं तो आप जिस क्लास के कोच में टिकट कराते हैं तो उससे ऊपर के क्लास में टिकट बुक हो जाती है। सीधा सा मतलब यह है कि अगर आप स्लीपर कोच में टिकट कराते हैं तो ऑटो अपग्रेडेशन में वही टिकट एसी कोच में अपग्रेड हो जाएगा। इस सर्विस की सबसे खास बात यह है कि रेलवे यात्रियों से इसके लिए एक भी पैसे चार्ज नहीं करता। इस सुविधा का फायदा तभी मिलता है जब अपर कोच में सीट खाली होंगी।

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जानिए ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम कब हुई शुरू

रेलवे (Indian Railways) ने काफी दिनों तक स्टडी (Internal Study) किया तो पता चला कि ट्रेनों में डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर है। एक ओर स्लीपर क्लास में सीटों की मारामारी है तो दूसरी ओर एसी क्लास में सीटें खाली जा रही हैं। एसी क्लास में भी 3एसी में तो बर्थ की काफी डिमांड रहती है। लेकिन 2एसी और फस्ट एसी में वैसी मांग नहीं है। इसके बाद ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम (Auto Upgradation Scheme) का खाका खींचा गया। जिससे सीटें खाली होने पर टिकट को अपग्रेड किया जाने लगा। इसे साल 2006 में शुरू किया गया था।

Jitendra Singh

Jitendra Singh

Tags: #IRCTC

First Published: Feb 13, 2024 4:19 PM

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