Indian Railways: भारतीय रेलवे में टिकट बुकिंग के लिए अलग-अलग कोटा होता है। जिसमें से आप अपनी पात्रता के अनुसार टिकट बुक करवाते हैं। जिन लोगों का स्पेशल कोटा होता है। उन्हें सीट बुकिंग में प्राथमिकता दी जाती है। जैसे सीनियर सिटीजन के लिए अलग कोटा होता है और उन्हें सीट अलॉटमेंट में प्राथमिकता दी जाती है। इसके साथ ही खिलाडियों, कैंसर मरीजों के लिए के लिए भी खास कोटा होता है। ऐसे ही एक खास कोटा होता HO Quota है। इस कोटा की सबसे खास बात ये है कि अगर इसमें आपको वेटिंग टिकट मिल रहा हो तो वह सीट भी कंफर्म हो जाती है।
ऐसे में सवाल है कि आखिर ये कोटा क्या है, किसे मिलता है और क्या टिकट बुक के समय ही इसका सहारा लिया जा सकता है। साथ ही सवाल है कि ये कोटा किससे जुड़ा होता है और किस तरह से वेटिंग लिस्ट वाली टिकट कंफर्म हो जाती है। हम इस जादुई कोटे के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।
दरअसल, HQ कोटा हेड क्वार्टर (Head Quarters) या हाई ऑफिशियल ( High Official Quota) होता है। माना जाता है कि इस कोटे के जरिए कंफर्म टिकट मिल ही जाता है। हालांकि, इस कोटे का इस्तेमाल टिकट बुकिंग के समय नहीं किया जाता है। इसमें पहले सामान्य वेटिंग लिस्ट वाला टिकट लेना होता है। वो टिकट हेड क्वार्टर के जरिए कंफर्म किया जाता है। ये कोटा इमरजेंसी में यात्रा करने वाले लोगों के लिए और वीआईपी लोगों के लिए होता है। ज्यादातर VIP लोगों को ही इसका फायदा मिलता है। लेकिन कुछ खास स्थितियों में नॉर्मल लोग भी इसका फायदा उठा सकते हैं। ये कोटा सिर्फ रेलवे के आला अफसर, सरकारी गेस्ट, वीआईपी, मंत्रालय के गेस्ट आदि लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें वेटिंग टिकट को कंफर्म कर दिया जाता है और इसका प्रोसेस भी चार्ट बनने के एक दिन पहले होता है।
आम आदमी कैसे उठाएं HO कोटा का फायदा
अगर कोई आम आदमी इस कोटे का फायदा लेना चाहता है तो इसके लिए यात्रा की तारीख से एक दिन अप्लाई करना होता है। ऐसे में आपको ये साबित करना होता है कि आपको कहीं इमरजेंसी में जाना है और काम काफी जरूरी है। इसमें आपको इमरजेंसी साबित करने वाली सभी दस्तावेज मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक को देना होता है। इसका एक फॉर्म होता है, जिसे जमा करना होता है। फिर इस पर एक गजेटेड ऑफिसर से साइन करवाना होता है। फिर सीट कंफर्म हो जाती है।