Indian Railways: सुपरफास्ट, मेल-एक्सप्रेस, ट्रेन में क्या है अंतर? कितनी होती है स्पीड, यहां जानिए पूरी डिटेल

Indian Railways: भारत में हर दिन बड़ी संख्या में लोग ट्रेन से सफर करते हैं। लेकिन इनमें से कम ही लोग ऐसे होंगे। जिन्हें ये पता होगा कि आखिर एक्सप्रेस, मेल और सुपरफास्ट ट्रेन में क्या अंतर होता है? किस स्पीड से दौड़ने पर सुपरफास्ट ट्रेन कहा जाएगा। यहां जानिए पूरी डिटेल

अपडेटेड Sep 02, 2024 पर 5:28 PM
Story continues below Advertisement
Indian Railways: भारतीय रेलवे के अनुसार, जो ट्रेन 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्‍पीड से चलती हैं। उसे मेल-एक्सप्रेस ट्रेन कहा जाता है

भारत में ट्रेन का इस्तेमाल एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए लोग ज्यादा करते हैं। इसके जरिए माल ढुलाई भी की जाती है। सफर के लिए यह सबसे बेस्ट ऑप्शन माना जाता है। भारतीय रेलवे (Indian Railways) देश की लाइफ लाइन भी मानी जाती है। हर दिन करोड़ों लोग किसी न किसी दूरी के सफर के लिए ट्रेन की यात्रा करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि एक ही रूट पर रेलवे पैसेंजर, मेल और एक्सप्रेस नाम से अलग-अलग गाड़ियां क्यों चलाता है?

अगर आपको इन सवालों का जवाब नहीं पता है, तो आइए समझते हैं कि आखिर मेल, एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों के बीच में क्या अंतर होता है और रेलवे कैसे किसी ट्रेन की कैटेगरी को तय करती है।

जानिए सुपरफास्ट ट्रेन की कितनी होती है स्पीड


भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट indianrailways.gov.in के मुताबिक, अगर किसी ट्रेन की अप और डाउन दोनों दिशाओं में गति, बड़ी लाइन पर 55 कि.मी. प्रतिघंटा और मीडियम लाइन पर 45 कि.मी. प्रति घंटा है तो उसे सुपरफास्ट गाड़ी (Superfast Train) माना जाएगा। औसत गति की गणना एंड-टू-एंड दूरी को यात्रा को कुल दूरी से भाग करके किया जाता है। कुछ सुपरफास्ट ट्रेन की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा है। ये एक राज्य से दूसरे राज्य में चलती हैं। इनमें भी जनरल, स्लीपर और एसी डिब्बे होते हैं। ये अपनी यात्रा में बहुत कम स्‍टेशनों पर रुकती हैं। ज्‍यादातर ये ट्रेनें लंबी दूरी को कवर करती हैं।

पैसेंजर ट्रेन

रेलवे बहुत छोटी दूरी के लिए पैसेंजर ट्रेन को चलाती है। इन पैसेंजर ट्रेनों में ज्यादातर सभी डिब्बे जनरल के होते हैं। ये रास्ते में पड़ने वाले हर छोटे-बड़े स्टेशनों पर रूकते हुए चलती है। इस कारण से इन पैसेंजर ट्रेन की स्पीड भी काफी कम होती है।

मेल ट्रेन

पुराने समय में रेलवे ट्रेनों में एक डाक का डिब्बा लगा देती थी। जिससे डाक भेजा जाता था। इसी से इनका नाम मेल एक्सप्रेस पड़ गया। आज के समय में गाड़ियों से ये डाक के डिब्बे तो हट गए हैं, लेकिन इन्हें आज भी मेल एक्सप्रेस ही कहा जाता है। औसतन ये 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। बीच में कई स्टेशनों पर रूकती हुई जाती हैं। इन ट्रेनों का नंबर आमतौर पर 123 से शुरू होता है।

एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड

भारत में एक्सप्रेस ट्रेन सेमी प्रायोरिटी वाली रेल सर्विस है। इन ट्रेनों की स्पीड करीब 55 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड जहां मेल-ट्रेन से ज्यादा होती है। वहीं इसके सुपरफास्टट ट्रेन से कम होती है। एक्सप्रेस ट्रेन, मेल ट्रेन की तरह जगह-जगह और हाल्ट नहीं करती है। एक्सप्रेस ट्रेन का नाम ज्यादातर किसी शहर, जगह या किसी व्यक्ति के नाम से हो सकती है। इसमें जनरल ,स्लीपर और एसी कोच लगे होते हैं।

Indian Railways: यह है अनोखा रेलवे स्टेशन, यात्री टिकट खरीदते हैं, लेकिन सफर नहीं करते, आखिर क्यों

Jitendra Singh

Jitendra Singh

Tags: #IRCTC

First Published: Sep 02, 2024 5:26 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।