Indian Railways: भारतीय रेलवे के जरिए रोजाना करीब 3 करोड़ लोग यात्री सफर करते हैं। इंडियन रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। इस नेटवर्क को सफलता पूर्वक चलाने के लिए 13 लाख कर्मचारी काम करते हैं। इतने यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचाना कोई छोटा काम नहीं हैं। इसके लिए बहुत अच्छी और सही प्लानिंग की जरूरत होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतने बड़े रेल नेटवर्क को चलाने और लाखों कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भारतीय रेलवे के पास पैसा कहां से आता है?
ज्यादातर लोगों को लगता है कि टिकट से होने वाली कमाई से रेलवे सबसे ज्यादा पैसा कमाता है। लेकिन ऐसा नहीं है। टिकट के अलावा रेलवे और भी कई सारी सेवाएं मुहैया कराती है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि रेलवे की सबसे ज्यादा कमाई कहां से होती है।
रेलवे की कमाई का ये है सबसे बड़ा जरिया
ट्रेन के टिकट के अलावा रेलवे और कई सारी सेवाएं यात्रियों को मुहैया कराता है। इसमें माल ढोना, प्लेटफॉर्म पर लगने वाले विज्ञापन होर्डिंग्स, स्टेशन पर लगने वाली दुकानों से मिलने वाला किराया आदि सोर्स शामिल हैं। इसके अलावा ट्रेन में फिल्मों की शूटिंग के बदले रेलवे करोड़ों रुपये लेता है। इन सब में से सबसे ज्यादा कमाई रेलवे की माल ढुलाई से होती है। वित्त वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट में रेलवे से होने वाली आमदनी का जिक्र है। इसके मुताबिक रेलवे ने 2.40 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले साल से 25 फीसदी यानी कि लगभग 49,000 करोड़ रुपये अधिक है। माल ढुलाई से सबसे ज्यादा 1.62 लाख करोड़ रुपये और इसके बाद पैसेंजर सेवाओं से कमाई हुई है।
इन ट्रेनों से रेलवे की होती है बंपर कमाई
देश में इन दिनों 13,000 से भी ज्यादा ट्रेनें चल रही हैं। उत्तर रेलवे में सबसे ज्यादा रेवेन्यू कमाने वाली ट्रेन वदे भारत एक्सप्रेस नहीं, बल्कि राजधानी एक्सप्रेस (Rajdhani Express) है। उत्तर रेलवे की सबसे कमाऊ ट्रेनों की लिस्ट में पहले स्थान पर 22692, बंगलोर राजधानी है। यह ट्रेन दिल्ली के Hazrat Nizamuddin से रवाना होकर K.S.R. Bengaluru तक जाती है। साल 2022-23 के दौरान इस ट्रेन में कुल 5,09,510 यात्रियों ने सफर किया था। इससे रेलवे की झोली में कुल 1,76,06,66,339 रुपये आए।
वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के रेलवे स्टेशन सियालदह तक जाने वाली 12314, सियालदह राजधानी एक्सप्रेस इस समय देश की नंबर दो कमाऊ ट्रेन है। साल 2022-23 के दौरान इसमें कुल 5,09,162 यात्रियों ने सफर किया था। इस ट्रेन से पिछले साल रेलवे की झोली में 1,28,81,69,274 रुपये आए।