मोबाइल की लत कितनी बुरी हो सकती है इसका ताजा उदाहरण हाल में देवघर से देखने को मिला, जहां फोन न मिलने पर किशोर ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। देवघर के खागा थाना क्षेत्र के मांझी मटेरिया गांव में मोबाइल के लिए हुआ विवाद एक मासूम की मौत की वजह बन गया। किशन गोपी राणा नाम के एक बच्चे ने मोबाइल न मिलने की वजह से आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक, बच्चे ने उस वक्त आत्महत्या की जब घर वाले खेत में काम करने गए थे।
कैमरे को बंद कर बच्चे ने ले ली अपनी जान
किशोर के चाचा सुधीर राणा ने बताया कि शनिवार को सभी लोग खेत में धान काटने के लिए गए थे और गोपी सुबह से ही जिद कर रहा था कि उसे मोबाइल चाहिए। उसकी बात को अनसुना कर सभी लोग अपने-अपने काम में लग गए। शनिवार दोपहर करीब 1:00 बजे उसने अपने घर में लगे CCTV कैमरा बंद कर साड़ी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुधीर राणा ने आगे बताया कि जब परिवार वालों को इस घटना के बारे में पता चला तो सब के होश की उड़ गए।
जानकारी के मुताबिक, इस घटना की खबर परिजनों ने पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही खागा थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए देवघर सदर अस्पताल भेज दिया। जहां पर पोस्टमार्टम कर शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। खागा थाना की पुलिस मामले को लेकर परिजनों से पूछताछ भी कर रही है।
मोबाइल की लत बच्चों के लिए है घातक
ये पहली घटना नहीं है, जब इस तरह मोबाइल की वजह से किसी बच्चे ने अपनी जान ले ली हो। हाल ही में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से भी ऐसी खबर सामने आई थी, जहां 11 साल के एक किशोर ने आत्महत्या कर ली थी।
मोबाइल की लत बच्चों के लिए काफी खतरनाक होती है। इस वजह से बच्चे बहुत चिड़चिड़े बन जाते हैं और बच्चों का दिमाग धीरे-धीरे कमजोर भी होने लगता है। मोबाइल पर लगातार ऑनलाइन पढ़ाई करना या गेम खेलना नुकसानदायक है। मोबाइल की स्क्रीन छोटी होती है, जिससे आंखों पर दबाव पड़ता है और बच्चों की आंखों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है। मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों में मानसिक विकृतियां भी पैदा हो जाती है।