Karwa Chauth 2024: जानें कब है करवा चौथ, यहां जानें इतिहास, पूजा विधि और शहरों में चांद निकलने का समय

Karwa Chauth 2024: इस साल करवा चौथ 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। करवा चौथ, जिसे करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस दिन विवाहित हिंदू महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं

अपडेटेड Oct 18, 2024 पर 9:13 AM
Story continues below Advertisement
Karwa Chauth 2024: करवा चौथ को सुहागिनों की रात कहा जाता है।

Karwa Chauth 2024: इस साल करवा चौथ 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। करवा चौथ, जिसे करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस दिन विवाहित हिंदू महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत का समापन तब होता है जब रात में चांद के दर्शन किये जाते हैं। करवा चौथ मुख्य रूप से उत्तरी भारत में मनाया जाता है और यह एक दंपत्ति के वैवाहिक संबंधों की मजबूती और प्रेम का प्रतीक है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार करवा चौथ कार्तिक मास के चौथे दिन पड़ता है।

करवा चौथ 2024 की तारीख: 20 अक्टूबर

चतुर्थी तिथि शुरुआत: सुबह 6:46 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्ति: सुबह 4:16 बजे

करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 6:12 बजे से 7:26 बजे तक


उपवास का समय: सुबह 6:34 बजे से रात 8:37 बजे तक

करवा चौथ का इतिहास

करवा शब्द का अर्थ मिट्टी का बर्तन है जिसका उपयोग पानी संग्रह के लिए किया जाता है, जबकि चौथ का मतलब हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास का चौथा दिन है। करवा चौथ का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है।

एक अन्य मान्यता के अनुसार महारानी वीरावती के पहले करवा चौथ व्रत पर उनके सात भाइयों ने उन्हें धोखे से व्रत तोड़ने पर मजबूर किया। उन्होंने दर्पण के सामने चंद्रमा का भ्रम उत्पन्न किया। इसके कारण उनके पति की मृत्यु हो गई। परंतु, जब वीरवती ने अपने पति की मृत्यु पर दुख प्रकट किया, तो एक देवी ने उनसे सहानुभूति जताई और उनके भाइयों की चाल का खुलासा किया। देवी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि उनके पति पुनर्जीवित हो जाएंगे। इसके बाद वीरवती और उनके पति ने एक लंबा और सुखी जीवन व्यतीत किया।

महत्व

करवा चौथ का त्योहार वैवाहिक सौहार्द, प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पतियों के प्रति अपने प्रेम और समर्पण को दर्शाती है। आधुनिक समय में कुछ पति भी अपनी पत्नियों के लिए व्रत रखते हैं। माना जाता है कि इस व्रत से वैवाहिक जीवन में मजबूती आती है और संबंध स्वस्थ रहते हैं। इस दिन महिलाएं एक-दूसरे के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करती हैं, मेहंदी लगाती हैं और पारंपरिक परिधानों में सजती हैं। यह उत्सव एकता और साथ होने की भावना को दिखाता है। पूजा के दौरान महिलाएं करवा चौथ की कहानियां सुनती हैं। शाम को वे चंद्रमा को अर्घ्य देकर उसे पानी अर्पित करती हैं। इसके बाद, पति अपनी पत्नियों को करवा (मिट्टी का बर्तन) से पानी पिलाकर उनका व्रत तुड़वाते हैं। पति-पत्नी एक-दूसरे के सामने छलनी से देखते हैं।

करवा चौथ 2024: भारत के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय

करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर चंद्रोदय के बाद अर्घ्य देकर समाप्त होता है। इस साल करवा चौथ पर व्रत रखने वाली महिलाओं को 13 घंटे 29 मिनट तक पानी नहीं पीना होगा। 20 अक्टूबर को रात 7:54 बजे चंद्रमा उदित होगा, जिसके बाद अर्घ्य देकर व्रत तोड़ा जाएगा।

दिल्ली: रात 8:07 बजे

मुंबई: रात 8:46 बजे

पंजाब: रात 8:07 बजे

गुड़गांव: रात 8:08 बजे

उत्तर प्रदेश: रात 8:09 बजे

अहमदाबाद: रात 8:39 बजे

हैदराबाद: रात 8:27 बजे

बेंगलुरु: रात 8:29 बजे

जयपुर: रात 8:17 बजे

चेन्नई: रात 8:28 बजे

कोलकाता: शाम 7:35 बजे

 

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Aug 08, 2024 4:37 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।