केरल सरकार ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि निपाह वायरस (Nipah Virus) का कोई भी नया पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है। वहीं हाई रिस्क कॉन्टैक्ट लिस्ट में शामिल 42 नमूनों के टेस्टिंग का रिजल्ट पॉजिटिव आया है। वहीं राज्य की हेल्थ मिनिस्टर वीना जॉर्ज ने रविवार की सुबह पत्रकारों से बात करते हुए निगेटिव रिजल्ट के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल अभी कुछ और रिजल्ट्स का इंतजार किया जा रहा है।
इतने दिनों तक रखनी पड़ेगी सावधानी
केरल की हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि कोई भी नया पॉजिटिव केस सामने ना आने पर भी सावधानी बरतने की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि गाइडलाइंस के मुताबिक और प्रोटोकॉल के मुताबिक पॉजिटिव केस आने की अंतिम अवधि 42 दिन है। उन्होंने कहा कि वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड 21 दिनों का है। अंतिम पॉजिटिव केस से 42 दिनों के दोहरे इंक्यूबेशन पीरियड को वह पीरियड माना जाता है जिस दौरान सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है।
ट्रेसिंग के लिए ली जाएगी पुलिस की सहायता
कॉन्टैक्स ट्रेसिंग को पूरा करने के लिए पुलिस की सहायता ली जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोग अभी भी बचे रह गए हैं। वे फोन कॉल पर बुलाए जाने पर आने से मना कर रहे हैं। जिस वजह से हम उनके लोकेशन को जानने के लिए पुलिस के जरिए मोबाइल टावर की मदद लेंगे। ऐसा कदम केवल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में कमियों को दूर करने के लिए किया जा रहा है। हेल्थ मिनिस्टर ने यह बी कहा कि सेंट्रल टीम 2018 निपाह प्रकोप वाले इलाकों का सर्वे करेगी और वहां पर हो रहे बदलावों की बारे में भी जांच करेगी।
NIV की टीमें भी कर रही हैं सर्वे
इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) पुणे और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की टीमें भी जिले में फील्ड सर्वे कर रही हैं। जॉर्ज ने कहा कि वायरस का जेनिटिंग सीक्वेंसिग भी किया जा रहा है। यहां तक कि चमगादड़ों का भी सर्वे चल रहा है। पिछले साल भी और इस साल की शुरुआत में भी सर्वे किया गया था। मंत्री ने कहा कि सभी निपाह पॉजिटिव मरीज स्थिर हैं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर मौजूद नौ साल के लड़के की हालत में भी सुधार हो रहा है। फिलहाल राज्य में निपाह संक्रमण के छह मामलों की पुष्टि हो चुकी है। छह में से दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है जिससे सक्रिय मामलों की संख्या 4 हो गई है।