Kidney Failure: किडनी हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग है। यह मुख्य रूप से यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड जैसे नाइट्रोजनयुक्त वेस्ट मटेरियल उत्पादों से ब्लड को फिल्टर करने का काम करती है। ये सभी टॉक्सिन्स हमारे ब्लैडर में जाते हैं और पेशाब करते समय बाहर निकल जाते हैं। लाखों लोग किडनी की कई तरह की बीमारियों के साथ रहते हैं। इनमें से ज्यादातर लोगों को इसका अंदाजा भी नहीं होता। यही वजह है कि किडनी की बीमारी को अक्सर साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है। अगर किडनी पूरी तरह से खराब हो तो इंसान का जीना मुश्किल हो जाएगा। प्रकृति ने हमें दो किडनी दी हैं। अगर एक किडनी खराब हो जाए तो दूसरी किडनी पूरा काम संभाल लेती है।
किडनी खराब होने के लक्षण इतने हल्के होते हैं कि ज्यादातर लोगों को बीमारी के बढऩे तक कोई अतंर महसूस नहीं होता। जब चोट लगने , हाई ब्लड प्रेशर या फिर डायबिटीज के कारण किडनी डैमेज हो जाती हैं, तो यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को फिल्टर नहीं कर पाती है। जिससे शरीर में जहर का निर्माण होने लगता है। ऐसे में किडनी ठीक से काम नहीं करती और टॉक्सिन जमा हो सकते हैं।
एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति दिन में 6-10 बार पेशाब जाता है। इससे ज्यादा बार पेशाब जाना किडनी खराब होने की निशानी है। किडनी की समस्या के मामले में व्यक्ति को या तो बहुत कम बार या फिर बहुत ज्यादा बार पेशाब जाने की इच्छा महसूस होती है। ये दोनों ही स्थिति किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। कुछ लोगों की पेशाब में खून भी निकलता है। ऐसा डैमेज हुई किडनी के कारण ब्लड सेल्स के पेशाब में रिसने के कारण होता है।
अगर आपके स्किन में अक्सर खुजली रहती है तो यह किडनी में प्रॉब्लम का संकेत हो सकता है। जब किडनी में टॉक्सिन मैटेरियल ज्यादा होने लगता है तो यह स्किन के नीचे दबने लगते हैं। लिहाजा स्किन में खुजली, सूखापन और दुर्गंध आने की समस्या हो सकती है।
किडनी खराब होने पर पीठ में दर्द होने की शिकायत भी होने लगती है। दरअसल, जब किडनी शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को बाहर नहीं निकाल पाती है, तो इससे पीठ में दर्द की समस्या होने लगती है। ऐसे में अगर लंबे समय से पीठ में दर्द की शिकायत बनी हुई है तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
जब व्यक्ति की किडनी खराब होने लगती है, तो उससे सीने में दर्द की शिकायत होने लगती है। बता दें कि किडनी और सीना एक दूसरे से संबंधित होते हैं। जब किडनी खराब होने लगती है, तो हृदय को ढकने वाली परत पर सूजन आ जाती है। जिससे सीने में दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है।
कमजोरी और थकान महसूस होना
हर समय कमजोरी और थकान महसूस होना किडनी की समस्या के शुरूआती संकेत हैं। जैसे -जैसे किडनी की बीमारी गंभीर होती जाती है। व्यक्ति पहले से ज्यादा कमजोर और थका हुआ महसूस करने लगता है। यहां तक की थोड़ा चलना-फिरने में भी दिक्कत महसूस होती है। ऐसा किडनी में विषाक्त पदार्थों के जमा होने के कारण होता है।