टेक्नोलॉजी के इस दौर में रोजना ही नई नई तकनीकें विकसित हो रही हैं। इसी कड़ी में इन दिनों एक टेक्नोलॉजी जो काफी तेजी से विकसित हो रही है उसका नाम है थ्री डी प्रिंटिंग (3D Printing)। यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमार मैन्युफैक्चरिंग के एरिया में किया जाता है। यह एक तरह की मशीन है जिससे अलग अलग तरह के डिजाइन को बड़ी ही आसानी से बनाया जा सकता है।
क्या है 3D Printing टेक्नोलॉजी
3D Printing टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ज्यादातर मैन्युफैक्चिंग और डिजाइनिंग के लिए किया जाता है। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके थ्री डायमेंशनल ऑब्जेक्ट का निर्माण किया जाता है। इस टेक्नोलॉजी में डिजिटल तौर पर एर थ्री डायमेंशनल वस्तु को डिजाइन किया जाता है। इसके बाद थ्री डी प्रिंटिंग के जरिए उसे फिजिकली बनाया जाता है।
इस तरह के कास प्रिंटर का होता है इस्तेमाल
3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी के लिए एक खास तरह के प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है। 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी में प्रिंटर के अंदर प्रिंटिंग मशीन में प्रिंट की जाने वाली वस्तु के आकार, रंग आदि से जुड़े पदार्थ डाले जाते हैं। इस टेक्नोलॉजी के जरिए काफी कम समय में ही किसी वस्तु या डिजाइन को बनाया जा सकता है।
काफी बड़ा है 3D प्रिंटिंग का मार्केट
अगर ग्लोबल लेवर पर देखें तो 3डी प्रिंटिंग का कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है। साल 2017 तक ही इसका ग्लोबल बाजार 7.01 बिलियन डॉलर के लेवल पर पहुंच गया था। इस टेक्नोलॉजी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हार्डवेयर, डिजाइन और मकान बनाने जैसे एरिया में किया गया था। इस टेक्नोलॉजी की सहायता से काफी कम समय में ही किसी घर या गाड़ी को बनाया जा सकता है।
भारत में भी हैं अपार संभावनाएं
अगर भारत की बात करें तो यहां भी 3डी प्रिटिंग की आपार संभावनाएं मौजूद हैं। मौजूदा वक्त में भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी फोकस किया जा रहा है। सरकार भी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर फोकस कर रही है। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसे सरकारी प्रयासों में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है।