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बिना शादी के गर्भवती हुई नाबालिग! अस्पताल में दिया बच्ची को जन्म, पुलिस के आने पर नवजात को सीढ़ियों के नीचे छिपाया

MP Sagar News: मध्य प्रदेश के सागर में एक नाबालिग ने बिना शादी के ही बच्ची को जन्म दे दिया। कमाल तो तब हो गया, जब पुलिस को इस बात के बारे में पता चला तो बच्ची को सीढ़ियों के नीचे छिपा दिया गया। अस्पताल प्रशासन ने भी इस मामले को पुलिस से छिपा कर रखा। बाल कल्याण समिति की टीम गुप्त सूचना पर अस्पताल पहुंची थी

अपडेटेड Nov 29, 2024 पर 5:43 PM
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मध्य प्रदेश के सागर में एक नाबालिक ने बीना शादी के ही बच्चे को जन्म दे दिया

मध्य प्रदेश के सागर से मानवता को शर्मसार करने वाली एक खबर सामने आई है, जहां एक नाबालिग ने बिना शादी ही बच्ची को जन्म दे दिया। इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन ने भी पुलिस से इस बात को छिपाया। बच्ची के जन्म के कई घंटों के बाद भी अस्पताल ने इस संबंध में पुलिस को कोई खबर नहीं दी। पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब गुप्त सूचना के आधार पर बाल कल्याण समिति की टीम ने अस्पताल पर छापा मारा। छापे को लेकर अस्पताल में कई घंटों तक हड़कंप रहा, जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने पूरे मामले को संभाला और बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया। यह हैरान कर देने वाला मामला शहर की तिलक गंज स्थित सूर्या मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल का है।

अस्पताल ने बच्ची को सीढ़ियों के नीचे छिपाया

जानकारी मिलने पर जैसे ही बाल कल्याण समिति की टीम ने अस्पताल पर छापा मारा, तो अस्पताल ने बच्ची को उसकी दादी के साथ सीढ़ियों के नीचे छीपा दिया। अस्पताल में करीब 4 घंटों तक काफी बहस होती रही। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने पूरे मामले को संभाला और बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया। नाबालिक बच्ची ने पुलिस को बताया कि एक युवक ने उसके साथ जबरदस्ती की थी किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी, तब से वह गर्भवती थी, डर की वजह से उसने घर पर किसी को नहीं बताया, लेकिन जब अचानक पेट दर्द हुआ, तो उसने अपनी दादी को यह बात बताई, तो दादी उसे अस्पताल लेकर पहुंची थी।


दादी ने अपनी चांदी की पायल बेचकर लड़की को कराया था एडमिट

जानकारी के मुताबिक, जब लड़की को यहां लाया गया और उसे एडमिट कराना था, तब उसकी दादी के पास कम पैसे थे, इसके बाद उस बच्ची की दादी ने अपनी चांदी की पायल बेचकर पैसे पूरे किए ,तब जाकर एडमिट किया था। अस्पताल का ये कहना है कि उन्होंने मानवता दिखाने और मरीज का जल्दी इलाज करने के चक्कर में पुलिस को जानकारी नहीं दी।

बाल कल्याण समिति को अंदर नहीं आने दे रहे थे अस्पताल वाले

बाल कल्याण समिति के सुरेंद्र सेन ने बताया की जब हम लोग यहां आए, तो अंदर ही नहीं आने दिया जा रहा था। पुलिस आई चेक किया, तो न उस बच्ची की रजिस्टर में एंट्री थी न कहीं कोई उसके एडमिट होने का सुराग मिला है। बल्कि उल्टा अस्पताल स्टाफ ने नाबालिग बच्ची को छिपा लिया था। उनका कहना है कि अस्पताल की तरफ से गैर कानूनी काम किया गया है।

वहीं इस पूरे मसले को लेकर अस्पताल संचालक डॉक्टर के के पटेल ने अपनी गलती स्वीकार की है। उन्होंने कहा, "डिलीवरी के बाद हम लोगों को पुलिस को सूचना देनी चाहिए थी, लेकिन उसमें लापरवाही हो गई, लेकिन हम लोग जानकारी नहीं छुपाना चाह रहे थे शाम को डिलीवरी हुई थी। सोच रहे थे सुबह तक जानकारी दे देंगे, लेकिन उसके पहले ही टीम आ गई।" वहीं इस मसले को लेकर कोतवाली पुलिस की तरफ से कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है। पुलिस ने इस मसले पर चुप्पी साध ली है।

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