Maha Kumbh Mela 2025: भगदड़ के बावजूद मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा। करीब 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा स्नान किया। यह किसी भी शहर की भौगोलिक सीमा में सबसे बड़ी जनसंख्या है। श्रद्धालुओं की यह संख्या दुनिया के सबसे बड़े शहरों और कई देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। मौनी अमावस्या पर उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी प्रयागराज में बना महाकुंभ नगर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बन गया। साथ ही महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बन गया है।
भारत में सबसे अधिक आबादी दिल्ली की 2.93 करोड़ है। राजधानी दुनिया का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। दिल्ली से अधिक जापान की राजधानी टोक्यो की आबादी 3.74 करोड़ है। वहीं, बुधवार को ही 7.64 करोड़ लोग संगम स्नान किए। इस तरह से गंगा की रेती पर 45 दिनों के लिए अस्थाई तौर पर बसाया गया महाकुंभ नगर बुधवार को दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बन गया।
महाकुंभ मेले में भगदड़ जैसी घटना के बाद ही पूरे दिन श्रद्धालुओं का हुजूम गंगा और संगम तट पर आता रहा। मेला प्रशासन के मुताबिक, बुधवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर शाम आठ बजे तक 7.64 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई।
मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मौनी अमावस्या पर शाम आठ बजे तक 10 लाख से अधिक कल्पवासियों समेत कुल 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया। इस दौरान, हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई।
मेला प्रशासन के मुताबिक, 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ मेले में अभी तक 19.94 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। एक अधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में चारों दिशाओं से करोड़ों की संख्या में लोगों का आना जारी रहा और जिला प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण करने के लिए चंद्रशेखर आजाद पार्क का गेट भी खोल दिया जिससे लोग सड़क के बजाय पार्क में बैठ गए।
मेला क्षेत्र में भगदड़ की घटना के एक दिन बाद प्रदेश सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास और तेज कर दिए। इस बीच, बृहस्पतिवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है। बुधवार तड़के हुई भगदड़ की घटना का यहां आ रहे श्रद्धालुओं पर कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा।