Mahakumbh 2025: महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, जो हर 12 साल में भारत के अलग-अलग शहरों में होता है। इस बार महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में हो रहा है। लाखों लोग इस समय त्रिवेणी संगम में स्नान करने और धार्मिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। यहां आकर वे पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं, जो उनकी धार्मिक आस्था और पुण्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। महाकुंभ का आयोजन हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक खास अवसर होता है।
यहां लोग अपनी आस्था को प्रकट करते हैं। इस समय प्रयागराज में विशेष धार्मिक अनुष्ठान होते हैं और लोग आध्यात्मिक शांति के लिए यहां आते हैं। महाकुंभ एक ऐतिहासिक और धार्मिक घटना है, जो लाखों लोगों को जोड़ने का काम करती है।
महाकुंभ में भाग लेने वाले भक्त अब अपने घरों पर बैठे ही पवित्र महाप्रसाद मंगा सकते हैं। वायु और ओएनडीसी (Open Network for Digital Commerce) ऐप के सहयोग से यह सेवा शुरू की गई है। भक्त केवल ऐप पर अपना ऑर्डर देंगे और सात दिनों के भीतर उन्हें घर पर प्रसाद पहुंचा दिया जाएगा।
प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर प्रसाद
प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर यात्रा करने वाले भक्त भी महाप्रसाद का लाभ उठा सकते हैं। वे स्टेशन पर ही अपने यात्रा के दौरान पवित्र भोजन प्राप्त कर सकते हैं। इससे उन्हें न केवल यात्रा का लाभ मिलेगा, बल्कि धार्मिक अनुभव भी होगा। फिलहाल, प्रयागराज और अयोध्या का प्रसाद उपलब्ध है, जबकि वाराणसी का प्रसाद जल्द ही सेवा में होगा।
शुद्ध देसी घी और पारंपरिक तरीका
महाप्रसाद में शुद्ध देसी घी से बने बेसन के लड्डू होंगे, जो पारंपरिक तरीकों से और उच्च स्वच्छता मानकों के साथ तैयार किए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रसाद बिल्कुल शुद्ध और सुरक्षित हो। इसके अलावा, महाप्रसाद को पर्यावरण-अनुकूल और प्लास्टिक-फ्री पैकेजिंग में पैक किया जाएगा, ताकि प्रदूषण कम हो और प्राकृतिक संसाधनों का बचाव हो सके।
दूर-दराज तक डिलीवरी की सुविधा
वायु ने पूरे भारत के 19,000 पिन कोड तक महाप्रसाद की समय पर और बिना किसी रुकावट के डिलीवरी सुनिश्चित की है।इसके लिए वायु ने प्रमुख लॉजिस्टिक्स कंपनियों जैसे दिल्लीवेरी, ब्लूडार्ट, एमेजॉन शिपिंग, शिपरोकेट और इंडिया पोस्ट के साथ साझेदारी की है। इस तरह, भक्त दूर-दराज के स्थानों से भी महाप्रसाद प्राप्त कर सकते हैं।
महाकुंभ का पहला 'अमृत स्नान'
महाकुंभ 2025 के पहले 'अमृत स्नान' का आयोजन मकर संक्रांति के दिन किया गया था। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। यह एक आध्यात्मिक अनुभव था और महाकुंभ के महत्व को और बढ़ा दिया। इस दिन के साथ ही महाकुंभ मेले की शुरुआत हुई, जो पूरे उत्साह और श्रद्धा से भरा हुआ था।