प्रयागराज में महाकुंभ अपने अंतिम दौर में है, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही। बस 7 दिन बाद यह भव्य आयोजन समाप्त हो जाएगा, लेकिन गंगा स्नान के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। लाखों लोग हर दिन संगम में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं, घाटों पर घंटियों की गूंज और मंत्रोच्चारण से माहौल भक्तिमय हो गया है। यहां हर ओर आस्था का नज़ारा देखने को मिल रहा है—कोई गंगा जल भर रहा है, तो कोई दीप प्रवाहित कर रहा है।
संतों की प्रवचन सभाएं, अखाड़ों की भव्य आरती श्रद्धालुओं को एक दिव्य अनुभव दे रही है। अब तक 55.56 करोड़ से ज्यादा लोग गंगा स्नान कर चुके हैं और संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसा लग रहा है कि समापन से पहले यह महाकुंभ एक नया इतिहास रच देगा!
गंगा में प्रवाहित नारियल का राज
गंगा में स्नान के दौरान श्रद्धालु पूजा सामग्री, माता की चुनरी और नारियल प्रवाहित करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन नारियलों का क्या होता है? इस सवाल का जवाब आपको चौंका सकता है। जैसे ही श्रद्धालु नारियल गंगा में प्रवाहित करते हैं, घाटों पर मौजूद कुछ नाविक गोता लगाकर इन्हें निकाल लेते हैं। बाद में ये नारियल पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को आधे दाम में बेच दिए जाते हैं। इस तरह एक ही नारियल कई बार गंगा में प्रवाहित किया जाता है और फिर से बेचा जाता है।
चुंबक से निकाले जाते हैं गंगा में प्रवाहित सिक्के
सिर्फ नारियल ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं द्वारा गंगा में प्रवाहित किए गए सिक्कों को भी घाटों पर मौजूद नाविक निकाल लेते हैं। इसके लिए वे खास तौर पर चुंबक का इस्तेमाल करते हैं। पानी में डुबोए गए शक्तिशाली चुंबक से ये सिक्के घाट किनारे खींच लिए जाते हैं और फिर नाविक या अन्य लोग इस रख लेते हैं।
कुछ सामग्री बहती है, तो कुछ पैरों तले कुचली जाती है
ऐसा नहीं है कि हर नारियल या पूजा सामग्री को बाहर निकाल लिया जाता है। कई नारियल गंगा में बहकर दूर निकल जाते हैं, जबकि कुछ घाट पर स्नान कर रहे लोगों के पैरों के नीचे आकर टूट जाते हैं। इसी तरह, माता की चुनरी और अन्य पूजा सामग्री भी कुछ बह जाती है, जबकि कुछ तैरते-तैरते किनारे पर आ जाती हैं और लोगों के पैरों के नीचे आकर खराब हो जाती हैं।
महाकुंभ में बना आस्था का रिकॉर्ड
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, आज सुबह 10 बजे तक 49.02 लाख श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके थे। आयोजन के 38 दिनों में अब तक कुल 55.56 करोड़ श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड टूट सकता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं वीडियो
महाकुंभ के दौरान नारियल और सिक्कों को गंगा से निकालने से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में देखा गया कि जैसे ही एक महिला ने श्रद्धा से नारियल गंगा में प्रवाहित किया, घाट के किनारे खड़ा एक व्यक्ति तुरंत उसे उठाकर अपने पास रख लेता है। ऐसे वीडियो देखकर लोग हैरान हैं और इसे श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ मान रहे हैं।