महाकुंभ 2025 मेले का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है। यह 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। ऐसे में महाकुंभ की तैयारियां भी जोरो शोरों से चल रही हैं। अलग-अलग अखाड़ों की ओर से भूमि पूजन और ध्वजा स्थापित करने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इस बीच महाकुंभ मेले में प्रयागराज की शोभ बढाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। शहर की गली, चौराहों और नुक्कड़ों पर पौराणिक मूर्तियां लगाई जाएंगी। इनमें अर्जुन, गरुड़, नंदी, ऐरावत और मां गंगा के साथ ही श्रवण कुमार की मूर्ति लगाई जाएगी।
पौराणिक महत्व की ये 26 नक्काशीदार मूर्तियां महाकुंभ में आने वाले देशी विदेशी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनने जा रही हैं। राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रयागराज के 26 प्रमुख चौराहों पर स्थापित करने का काम जोर-जोर से चल रहा है। कुल मिलाकर श्रद्धालुओं को इस बार प्रयागराज की धरती पर कदम रखते ही आदिकालीन भारतीय संस्कृति की दिव्यता और अलौकिकता के दर्शन होंगे।
श्रद्धालुओं को आकर्षित करेंगी मूर्तियां
पौराणिक और भारतीय संस्कृति के महत्व की नक्काशीदार मूर्तियां शहर के प्रमुख चौराहों पर सजाई जा रही हैं। इनमें अर्जुन, गरुड़, नंदी, गदा के अलावा मां गंगा सहित तमाम ऐसी मूर्तियां है जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करेंगी। एसडीएम मेला, अभिनव पाठक ने बताया कि इस योजना के तहत योगी सरकार के निर्देश पर 26 चौराहों को विशेष रूप से आकर्षक आकार दिया जा रहा है। इनमें 06 चौराहों पर काम पूरा किया जा चुका है। साथ ही एक हफ्ते के भीतर बाकी 20 चौराहों का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। डीपीएस चौराहे पर अर्जुन की मूर्ति, एयरपोर्ट चौराहे पर नंदी की प्रतिमा और हर्षवर्धन चौराहे पर आरती करती हुई मां गंगा नाव में सवार दिखेंगी। इसके अलावा फाफामऊ में गदा का प्रदर्शन किया गया है।
समुद्र मंथन का घोड़ा भी करेगा स्वागत
वहीं समुद्र मंथन का घोड़ा भी महाकुंभ मेले में लगाया जाएगा। यह श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित करेगा। भारत के महान सम्राट समुद्र गुप्त की प्रतिमा भी लगाई जाएगी। इसके अलावा नैनी चौकी चौराहे पर श्रवण कुमार के साथ ही मेजर ध्यान चंद, ऐरावत की प्रतिमा भी संवारी जा रही है। इसी तरह अलोपी बाग चौराहे के पास मुनि स्नान की मूर्ति देखकर श्रद्धालु आनंद से भर जाएंगे।
वैज्ञानिक तरीके से होगा ट्रैफिक मैनेजमेंट
महाकुंभ में इस बार करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए वैज्ञानिक तरीके से ट्रैफिक मैनेजमेंट का अध्ययन किया जा रहा है। ज्यादातर चौराहों पर यह काम अंतिम चरण में हैं।
चौराहों के सुंदरीकरण ने पकड़ी रफ्तार
महाकुंभ की तैयारी को लेकर तीर्थराज प्रयाग के सुंदरीकरण का काम पूरी रफ्तार में चल रहा है। यहां सांस्कृतिक और पर्यावरणीय विविधता के लिए पूरा इंतजाम है। चौराहों पर जो भी डिजाइन तैयार किया जा रहे हैं, उनमें हॉर्टिकल्चर एनवायरमेंट के लिए ग्रीन बेल्ट भी डेवलप किए जा रहे हैं।