Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti: सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और क्रांतिकारी थे। उन्हें नेताजी के नाम से जाना जाता है। उनका जीवन साहस आत्मसम्मान और देशभक्ति का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी और लोगों में आजादी के लिए लड़ने का जोश भरा।सुभाष चंद्र बोस का मानना था कि आजादी बिना संघर्ष के संभव नहीं। उन्होंने "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" जैसा नारा देकर युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने 1943 में आजाद हिंद फौज की स्थापना की और "दिल्ली चलो" का नारा दिया।
नेताजी के नेतृत्व ने लाखों लोगों को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा।नेताजी ने भारतीयों को आत्मनिर्भर बनने की शिक्षा दी और बताया कि जब इरादा मजबूत हो, तो हर बाधा को पार किया जा सकता है। उनका जीवन और विचार आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
सुभाष चंद्र बोस का जन्म और शिक्षा
23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में जन्मे नेताजी के पिता जानकीनाथ बोस एक प्रसिद्ध वकील थे। नेताजी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कटक में ली और उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। वहां से उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1920 में प्रतिष्ठित भारतीय सिविल सेवा (ICS) परीक्षा में चौथा स्थान हासिल किया। लेकिन ब्रिटिश सरकार के लिए काम करने के बजाय उन्होंने देश की आजादी के लिए संघर्ष करना चुना।
गांधी जी को दिया राष्ट्रपिता का दर्जा
क्या आप जानते हैं कि महात्मा गांधी को "राष्ट्रपिता" का संबोधन सबसे पहले सुभाष चंद्र बोस ने दिया था। 1944 में सिंगापुर रेडियो से उन्होंने गांधी जी को यह उपाधि दी। यह उपाधि गांधी जी के प्रति उनके सम्मान और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को दर्शाती है।
नेताजी ने 1943 में जापान की मदद से "आजाद हिंद फौज" का गठन किया। इस फौज का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष करना था। उनका प्रसिद्ध नारा "दिल्ली चलो" आज भी लोगों को प्रेरित करता है। इस फौज ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को नई ऊर्जा दी और लाखों देशवासियों को आजादी की लड़ाई के लिए प्रोत्साहित किया।
विदेशी समर्थन और रेडियो का उपयोग
नेताजी ने जर्मनी और जापान जैसे देशों से समर्थन प्राप्त किया। उन्होंने जर्मनी में "आजाद हिंद रेडियो" की स्थापना की जहां से उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रचार किया और भारतीयों को जागरूक किया।
नेताजी की रहस्यमयी मृत्यु
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु आज भी रहस्य बनी हुई है। माना जाता है कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि इस घटना को लेकर कई सवाल और विवाद आज भी बने हुए हैं। उनकी मृत्यु की सच्चाई पर आज तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है।
नेताजी से सीखने लायक बातें
नेताजी का जीवन हमें सिखाता है कि जब उद्देश्य महान हो तो हर बाधा को पार किया जा सकता है। उन्होंने न केवल आजादी के लिए संघर्ष किया बल्कि देशवासियों को आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता का महत्व भी समझाया। उनके आदर्श आज भी हर भारतीय को प्रेरित करते हैं।